मध्यप्रदेश में बीजेपी कांग्रेस दोनों ही दल ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है…लेकिन इस तैयारी में बीजेपी बाजी मारती नजर आ रही है…बीजेपी महिला मोर्चा ने घर- घर जाकर शिवराज सरकार की योजनाओं का बखान करने की रणनीति बनाई है…इसके लिए महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सीहोर जिले में तीन दिवसीय शिविर में प्रशिक्षण भी दिया गया…बीजेपी महिला मोर्चा कार्यकर्ता लाडली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के घर जाकर शिवराज सरकार का गुणगान करेंगी…
…मध्य प्रदेश में 16 नगर निगम हैं…जबकि 100 नगर पालिकाएं और 264 नगर पंचायतें हैं… ग्राम पंचायतों की संख्या 23 हजार से कुछ ज्यादा हैं…प्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, देवास, सिंगरोली, कटनी, सतना, छिंदवाड़ा और मुरैना में नगर निगम हैं… निकाय चुनाव 2019 में ही होने थे… लेकिन परिसीमन और फिर आरक्षण के चलते चुनाव टलते रहे… ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अब चुनाव की संभावना बनी है…जिसके चलते सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं…
वहीं 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं…लेकिन अब उससे पहले निकाय चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की परीक्षा होनी है… ऐसे में नगर निगम के मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता के द्वारा होना है… कांग्रेस 2019 में सत्ता में होने के कारण अप्रत्यक्ष चुनावों के जरिए अधिकांश नगरीय निकायों को कब्जाने के लिए फायदों की आस में थी.. लेकिन अब सत्ता में बैठी बीजेपी ने जनता के पाले में गेंद डाल दिया है…
कांग्रेस-बीजेपी को दोनों ही दलों को निकाय चुनाव में जीत का परचम फहराने के लिए जनता के बीच अब जाना होगा…इस निकाय चुनाव के बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं.. जिसके चलते दोनों ही दल किसी तरह का कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.. क्योंकि निकाय चुनाव के नतीजों का असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ना लाजमी है. देखना है कि निकाय चुनाव में किसका दबदबा रहता है?…ऐसे में चुनाव को लेकर संगठन स्तर पर तैयारी तेज हो गई है…