भाजपा और कांग्रेस ने अभी नहीं खोले पत्ते
दावेदारों ने शुरू कर दिया संपर्क
चुनावी तैयारी में कांग्रेस से आगे बीजेपी
कांग्रेस के मुकाबले सशक्त है बीजेपी संगठन
बीजेपी को है सर्वे पर भरोसा
शपथ पत्र को लेकर हो रही कांग्रेस की किरकिरी
किरकिरी के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस
सर्वे या शपथ किसके सहारे मिलेगी चुनावी विजय
पंचायत चुनाव को लेकर भोपाल में BJP और कांग्रेस ‘वेट एंड वॉच’ के फार्मूले पर चल रही है। दोनों ही पार्टियों ने जिला पंचायत के सदस्य के नाम को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। नेताओं में रायशुमारी और मीटिंग का दौर जारी है। सोमवार को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है। इसके बाद तस्वीर साफ हो जाएगी… लेकिन इसके पहले सियासी उठापठक लगातार जारी है… और कांग्रेस ने अब दावेदारों के साथ गारंटी लेटर मांगा है… आखिर क्या है सियासत के पिछे का फार्मुला इसी पर करेंगे चर्चा और नेताओं से जवाब
मध्यप्रदेश में बढ़ते तापमान के साथ पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सियासत भी गरमा गई है…बीजेपी और कांग्रेस के नेता टिकट को लेकर लगातार कोशिश में जुटे हैं… कहते है दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता है कुछ यही हाल एमपी कांग्रेस के भी है…सही वजह है कि कांग्रेस दावेदारों से शपथ पत्र भरवा रही है…इधर बीजेपी भी योग्य प्रत्याशी की तलाश में सर्वे करा रही है…वहीं बीजेपी का संगठन कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक शक्तिशाली है…यही वजह है कि चुनावी तैयारी में बीजेपी कांग्रेस से आगे दिखाई दे रही है
मध्यप्रदेश में बढ़ते तापमान के साथ पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सियासत भी गरमा गई है…बीजेपी और कांग्रेस के नेता टिकट को लेकर लगातार कोशिश में जुटे हैं…कहते है दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता है कुछ यही हाल एमपी कांग्रेस के भी है…सही वजह है कि कांग्रेस दावेदारों से शपथ पत्र भरवा रही है…इधर बीजेपी भी योग्य प्रत्याशी की तलाश में सर्वे करा रही है…वहीं बीजेपी का संगठन कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक शक्तिशाली है…यही वजह है कि चुनावी तैयारी में बीजेपी कांग्रेस से आगे दिखाई दे रही है…देखिए एक रिपोर्ट…
गुटों में बिखरी कांग्रेस को एक सूत्र में पिरोने का दावा करने वाले कमलनाथ की असली हालत क्या है… यह इस शपथपत्र से पता चलता है… कांग्रेस में इन दिनों निकाय चुनाव में टिकट के दावेदारों से एक विशेष प्रकार का बॉन्ड भरवाया जा रहा है… दावेदारों को शपथपत्र पर लिखकर यह वचन देना पड़ रहा है कि टिकट किसी को भी मिले, वो विरोध नहीं करेंगे…सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने मध्यप्रदेश के दिग्गजों को साधने का दम भरने वाले कमलनाथ पहले गठबंधन के लिए तड़प रहे थे… अब बगावत से घबरा रहे हैं… दरअसल निकाय चुनावों में कांग्रेस को वोट कटने का डर रहा है… इसलिए सभी जिलों में पार्षद पद के दावेदारों से शपथ पत्र भरवाया गए…हालांकि बढ़ते विरोध और सियासी किरकिरी के बाद शपथपत्र को लेकर कांग्रेस ने फैसला बदल लिया है… अब शपथ पत्र अनिवार्य नहीं होगा…सिर्फ स्थानीय स्तर पर एक दो जगह ही शपथ पत्र भरवाए जाएंगे…इध बीजेपी को सर्वे पर भरोसा है… महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष पद के दावेदारों को लेकर बीजेपी सर्वे करा रही है…जिसके आधार पर प्रत्याशियों के नाम तय किये जाएंगे…
पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा प्रदेश स्तर पर शपथपत्र नहीं भरवाए जाएंगे…सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही एक-दो जगह ही शपथ पक्ष भरवाए जाएंगे… उनका कहना है सिर्फ एक दो जिलों में ऐसा है… बाकी महापौर और निकाय के लिए सर्वे कराए जा रहे हैं… जो भी सर्वे में आगे रहेगा उसी टिकट दिया जाएगा… टिकट के लिए जिन बड़े नेताओं ने जिम्मेदारी ली होगी प्रत्याशियों को जितने की जिम्मेदारी भी उनकी होगी
वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं को सुनाए गए इस फरमान पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा है…बीजेपी का कहना है आज कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की भी दुर्भाग्य जनक स्थिति हो गई है…हालात ये हैं कि बगावत का भय सता रहा है..हालात ये है कि कार्यकर्ताओं से शपथ पत्र लेना पड़ रहा है…