मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव सत्ता का सेमीफाइनल कहा जा सकता है…ऐसे में दोनों ही पार्टियां किसी तरह की कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती…प्रदेश में कई जगह बगावत के सुर भी देखने को मिले… दरअसल आज नाम वापसी का आखिरी दिन था…इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अपने बागी कार्यकर्ताओं के मनाने के लिए पार्टी के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी… और साथ में चेतावनी भी दी…बीजेपी की बात करें तो बागियों को मनाने की कमान खुद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संभाली… और पार्टी से बगावत कर नामांकन करने वाले कार्यकर्ताओं को फोन कर नामांकन वापस लेने की अपील की… तो वहीं कांग्रेस ने भी अपने कार्यकर्ताओं को मनाने की पूरी कोशिश की…फिलहाल आंकड़े तो दोनों की पार्टियों के सामने नहीं आए कि… कितने बागियों को मनाने में सफल हुए…बीजेपी ने कल ही सभी जिला अध्यक्षों को बागियों को मनाने के लिए पत्र जारी किया था… और उसमें बागियों के लिए चेतावनी भी दी गई थी कि…यदि पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ कोई भी कार्यकर्ता चुनाव मैदान में उतरता है तो उसकी स्वतः ही पार्टी से 6 साल के लिए सदस्यता खत्म कर दी जाएगी…वहीं कांग्रेस ने भी अपने बागी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए थे और नाम वापस लेने की अपील की थी… हालांकि कई जिलों में नाराज कार्यकर्ताओं ने नाम वापस भी लिए हैं…तो वहीं प्रदेश की दो नगर परिषद समरस नगर परिषद भी बन गई हैं…जहां सीएम शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुदनी की शाहगंज और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र खुरई की बरोदिया नगर पंचायत में सभी पार्षद निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं…फिलहाल प्रत्याशियों की स्थिति साफ हो गई है और अब देखना होगा सत्ता का सेमीफाइनल कौन जीतता है…