गुरुजी गायब : बिना ड्यूटी वेतन, शिक्षक की मौज! विभाग मेहरबान, तो शिक्षक महान I Jan Mudda I

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जन मुद्दे में आपका स्वागत है… मैं हूं देवेंद्र कुशवाहा… आज जन मुद्दे में हम ऐसे शिक्षक की बात करेंगे…जिनकी रजिस्टर में हाज़िरी तो पूरी होती है…लेकिन वे जिन बच्चों को पढ़ाते है वे उन्हें पहचानते नहीं…शिक्षक महोदय पर आरोप है कि वे स्कूल आते ही नहीं…बच्चों को पढ़ाते ही नहीं…लेकिन वेतन भरपूर मिलता है… रुकता ही नहीं… आखिर ऐसा क्यों है?… क्या विभाग को पता है कि गुरु जी स्कूल नहीं जाते… बच्चों को नहीं पढ़ाते… अगर नहीं तो क्यों नहीं ? और अगर पता था तो सैलरी कैसे मिलती रही… या फिर कुछ और बात है… आज इस कार्यक्रम में हम इसी मुद्दे पर करेंगे चर्चा…  

खबर छत्तीसगढ़ के बेमेतरा से है…जहां शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है…यहां बिना ड्यूटी के ही शिक्षकों को विभाग वेतन दे रहा है…शिक्षा विभाग की ऐसे शिक्षकों पर  मेहरबानी कई सवालों को जन्म देती है..स्कूल से शिक्षकों के नदारद रहने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। वहीं संलग्न करण के आदेश का भी उल्लंघन हो रहा है…आखिर काम नहीं करने वाले शिक्षकों पर विभाग इतना मेहरबान क्यों है… हालात ये हैं कि स्कूली बच्चे ही शिक्षक को पहचानने से इनकार कर रहे हैं। ड्यूटी रजिस्टर में शिक्षक के हस्ताक्षर तो रहते हैं…लेकिन वे दिखाई नहीं देते…ये पूरा मामला जिले के मोहरेगा गांव के सरकारी हाई स्कूल  का है…जहां शिक्षक आशुतोष पांडे पर आरोप है कि वे बच्चों को पढ़ाने स्कूल ही नहीं आते… इसके बाद भी शिक्षा विभाग से उन्हें बराबर वेतन मिल रहा है… जबकि शिक्षक का कहना है वे स्कूल आते हैं… लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि अगर वे आते है तो बच्चे उन्हे पहचानते क्यों नहीं…

https://youtu.be/VyHu7MS7Wzo