एक तरफ तो हमारे देश में स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है…सरकार करोड़ो रुपए इस पर खर्च कर रही है… सभी ग्राम पंचायतों में विकास कार्य एवं स्वच्छता पर जोर दिया जा रहा है… लेकिन जबलपुर ज़िले में कुछ ग्राम पंचायत ऐसी भी है जहां यह योजनाएं आती तो जरूर है… लेकिन कहां गायब हो जाती हैं पता नहीं चलता… जबलपुर जिले के ग्राम सिलुआ में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला… स्थानीय ग्राम वासियों की माने तो ग्राम पंचायत में पूर्व सरपंच एवं सहायक रोजगार सचिव के ने यहां बहुत ही भ्रष्टाचार किया है… ग्रामवासियों का आरोप है कि यहां विकास के नाम पर कागजी खानापूर्ति की गई है… लेकिन असल में विकास कुछ भी नहीं हुआ… चाहे वहां तालाब निर्माण हो या फिर मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूर हो… आपको बता दें सिलवा ग्राम पंचायत में तालाब निर्माण के लिए लाखों रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी… और तालाब निर्माण का कार्य जून तक पूरा होना था… लेकिन वह अभी भी अधूरा है… इस ग्राम पंचायत के मुक्तिधाम में टीन शेड का निर्माण किया गया… जो कि तेज हवा के चलने से धाराशाई हो गया… वहीं स्थानीय नागरिकों ने सहायक रोजगार सचिव धनंजय शर्मा पर प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ के लिए रिश्वत लिए जाने का आरोप लगाया है… ग्रामवासियों का कहना है कि प्रत्येक लाभार्थी से 15 से 20000 रुपए लिए गए हैं… साथ ही आवास के लिए अपनी ही दुकान से सामान खरीदने का दबाव बनाते हैं… ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की बात करें तो लोगों का आरोप है कि सहायक रोजगार सचिव धनंजय शर्मा ने मनरेगा के तहत लोगों को काम तो दिया… लेकिन उनके नाम रजिस्टर है ही नहीं… सूत्रों के अनुसार इन सभी बातों की उच्च अधिकारियों द्वारा जांच तो हुई… लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई होती नहीं दिखी…