एमपी के भिंड जिले स्थित मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के अजनौल गांव में जब किसी इंसान की मौत हो जाती है… तो उसके शव का उसके परिजन सड़क पर ही अंतिम संस्कार कर देते हैं… यह कोई परंपरा नहीं है…बल्कि गांव के लोगों की मजबूरी है…सड़क पर अंतिम संस्कार सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो…लेकिन यह सत्य है…जिन सड़कों पर वाहन चलते हैं… वहां पर अंतिम संस्कार करना पड़े इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा… दरअसल गांव में मुक्तिधाम नहीं है…ऐसे में बारिश में एक बुजुर्ग महिला की मौत पर उनका अंतिम संस्कार अजनौल सड़क पर पुलिया के पास करना पड़ा…शासन प्रशासन भले ही आमजन को योजनाओं का लाभ मिलने के दावे करें…लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है…ग्रामीणों ने कई बार शासन प्रशासन से गांव में मुक्तिधाम बनवाने की गुहार भी लगाई…वहीं अब इस पर सियासत हो रही है…कांग्रेस जिला अध्यक्ष मानसिंह कुशवाहा ने सड़क पर अंतिम संस्कार करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया…और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा..उन्होंने कहा आजादी के 75 साल बाद भी लोग मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं… | JAN MUDDA |