पिछले दिनों कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ काले कपड़े में प्रदर्शन किया था… जिस पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘निराशा और हताशा में डूबे कुछ लोग सरकार पर लगातार झूठा आरोप मढ़ने में जुटे हैं… लेकिन ऐसे लोगों पर से जनता का विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है… यही वजह है कि अब वे काला जादू फैलाने पर उतर आए हैं… पीएम ने ट्वीट कर यह बात कही तो कांग्रेस के खेमें में हल्ला मच गया… ऐसे में पीएम के इस बयान पर राहुल गांधी कैसे चुप रहे…राहुल गांधी तड़ से ट्वीटर की चिड़िया पर टंकित करते हुए लिखा ‘बेलगाम बेरोज़गारी, कमर-तोड़ महंगाई, टूटता रुपया, बढ़ता व्यापार घाटा, देश छोड़ कर जाते निवेशक लेकिन प्रधानमंत्री को चिंता काले कपड़ों की है…’ उन्होंने पीएम पर काला जादू के नाम पर अंधविश्वास फैलाने का भी आरोप लगाया… वैसे अगर बात ‘काला जादू’ और ‘तंत्र विद्या’ भारतीय राजनीति के लिए नया नहीं है… देश के कई पूर्व प्रधानमंत्री तांत्रिकों की सेवा ले चुके हैं… इंदिरा गांधी के पीएम रहते हुए तो उनके खिलाफ़ हो रहे एक कथित तांत्रिक अनुष्ठान को रोकने के लिए बाकायदा इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीमें लगाई गई थी… इसके बाद भी कई ऐसे मौके आए जब देश की राजनीति काला जादू और उसके माया जाल के इर्द-गिर्द घूमी… धीरेंद्र ब्रह्मचारी इंदिरा गांधी के जमाने में भारत के जाने-माने हस्ती हुआ करते थे… इंदिरा गांधी को उनकी तंत्र विद्या पर काफी भरोसा था… विपक्षी नेता आरोप लगाया करते थे कि पीएम इंदिरा गांधी धीरेंद्र ब्रह्मचारी से सलाह लेकर ही सारे फैसले लिया करती हैं… इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी रहे मलय कृष्ण धर ने अपनी किताब ‘ओपेन सीक्रेट’ में उस घटना का जिक्र किया है, जिसमें आईबी के अधिकारियों को ‘मारण अनुष्ठान’ रोकने के लिए दिल्ली के श्मशान घाटों की खाक छाननी पड़ी थी… मलय कृष्ण धर के मुताबिक धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने इंदिरा को सलाह दी थी कि उनके ही कैबिनेट के एक सदस्य उनकी मृत्यु के लिए ‘मारण अनुष्ठान’ कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए आईबी की टीमें लगाई गई थी….