सडकविहीन मथिका टोला वार्ड-1, खाट पर लिटा कर ले जाना पड़ा शव | JAN MUDDA |

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विकास की उजली तस्वीरें गढ़ कर जनता को भरमाने का काम शासन और उसके नुमाइंदे भले ही करते हों… लेकिन बस्तियों में मौजूद पीढिय़ों की पुरानी दुर्दशा आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देती है… और विकास की कवायद पर सवालिया निशान लगा देती है… ऐसी बस्तियां जहां आज भी सडक़ नहीं है… जहां पहुंचना दूभर है… ऐसे बहुत से जगह मौजूद… उसी मेसे एक स्थान है शहडोल संभाग के नौरोजाबाद… जहां के मथिका टोला वार्ड-1 कुछ ऐसी हा स्थिती से जुझ रहा है…यहां सड़क लोगों के लिए सपना है… नतीजतन यहां ने जाने के लिए लोगों के दिक्कतों का सामना करना पड़ता है…यही नहीं समस्या तब और बड़ी हो जाती है… जब यहां किसी का मौत हो जाती है… एम्बुलेंस होने के बावजूद मृतक का शव अपने घर लाने के लिए करीब एक किलोमीटर कंधे पर लाना पड़ता है… सचमुच यहां सडक़ होती, तो एम्बुलेंस शव को घर तक पहुंचाती…ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है…बरसात में समस्याएं और बढ़ जाती हैं कीचड़ की वजह से परेशानी और भी बढ़ जाती है… बावजूद जिम्मेदार मौन धारण किए हुए है…