PFI के ठिकानों पर NIA और ED की छोपेमारी करीब, 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है I DEBATE I

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PFI के ठिकानों पर NIA और ED की छोपेमारी

100 से अधिक कार्यकर्ता गिरप्तार!

टेरर फंडिंग का आरोप… हुई कार्रवाई!

PFI के कार्यकर्ताओं ने केरल बंद का किया आह्वान!

आज देश के कई राज्यों में NIA ने PFI के कई ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई हो रही है…और करीब 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है… क्यों हुई है यह कार्रवाई… और गिरफ्तार किया गया है इन्हें… आज इसी विषय पर करेंगे चर्चा तो आइए शुरु करते हैं…आतंक पर NIA का वार…  

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापे मारे…13 राज्यों में इन छापों में PFI के अध्यक्ष समेत सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है… PFI और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है…यह कार्रवाई किन –किन राज्यों में हुए है आपको ग्राफीक्स के माध्यम से बताते है… NIA और ED ने 13 राज्यों में छापे मारे हैं। ऐ राज्य हैं…

केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं।

आखिर पीएफआई अचानक पीएफआई पर देश भर में रेड क्यों कर रही है… आखिर अचानक क्या हुआ जो NIA और ईडी एक साथ पीएफआई के पीछे ही पड़ गई… यह सवाल आपके भी दिमाग में घुमड़ रहा होगा… दरअसल PFI एक कट्टरपंथी संगठन है… 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी… NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी… NIA के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है… यह संगठन मुस्लिमों पर धार्मिक कट्टरता थोपने और जबरन धर्मांतरण कराने का काम करता है… यह सब टेरर फंडिंग से होता है… पिछले साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PFI और इसकी स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के पांच सदस्यों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दायर की थी… ED की जांच में पता चला था कि PFI का राष्ट्रीय महासचिव के ए रऊफ गल्फ देशों में बिजनेस डील की आड़ में पीएफआई के लिए फंड इकट्ठा करता था… ये पैसे अलग-अलग जरिए से पीएफआई और CFI से जुड़े लोगों तक पहुंचाए गए… और तभी से यह संगठन इन जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं…

के 23 राज्यों में सक्रिय PFI सक्रीय है और अब तक 13 राज्यों में में छापेमारी चल रही है… जिसमें कुल 106 कार्यकर्ता गिरफ्तार हैं… आइए ग्राफीक्स के माधायम से जानते हैं कि अब तकतक कितने कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए हैं…

जांच एजेंसी के मुताबिक 1.36 करोड़ रुपये की रकम आपराधिक तरीकों से प्राप्त की गई। इसका एक हिस्सा भारत में पीएफआई और सीएफआई की अवैध गतिविधियों के संचालन में खर्च किया गया। सीएए के खिलाफ होने प्रदर्शन, दिल्ली में 2020 में हुए दंगों में भी इस पैसे के इस्तेमाल की बात सामने आई थी। पीएफआई द्वारा 2013 के बाद पैसे ट्रांसफर और कैश डिपॉजिट करने की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि भारत में पीएफआई तक हवाला के जरिए पैसा आता है।   

1.            आंध्र प्रदेश- 5

2.            असम- 9

3.            दिल्ली -3

4.            कर्नाटका- 20

5.            केरला -22

6.            मध्य प्रदेश- 4

7.            महाराष्ट्र -20,

8.            पुडुचेरी-3

9.            राजस्थान -2

10.          तमिलनाडू-10

11.          उत्तर प्रदेश-8

अब आपको यह जानना जरुरी है कि आखिर ये PFI क्या है?…आइए इसे भी ग्राफिक्स के माध्यम से जानते हैं…

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PFI का पूरा नाम- पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया

दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों को मिलाकर बना

1-            नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, केरल

2-            कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी

3-            मनिथा नीति पसराई, तमिलनाडू

PFI का दावा है- 23 राज्यों में सक्रीय

सीमी पर बैन के बाद तेजी से सक्रीय

दक्षिण भारत में संगठन की है पकड़

दरअसल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था… ये संगठन दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं। NIA, ED छापेमारी खिलाफ PFI के कार्यकर्ता केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु में सड़कों पर उतर आए हैं। केरल में कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम भी किया, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बलप्रयोग किया… इधर, PFI ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आवाज दबाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। सेंट्रल एजेंसी हमें प्रताड़ित कर रही है। केरल में शुक्रवार को PFI ने एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।