कर्मचारियों को लेकर सियासत जारी, राज्य सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप | DEBATE |
कर्मचारियों को लेकर सियासत जारी
राज्य सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने लगाया आरोप
कहा—कर्मचारियों की रुकी पदोन्नति
‘पदोन्नति में नहीं मिल रहा आरक्षण’
‘ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार शिथिल’
‘अर्जुन सिंह के समय बना था महाजन आयोग’
‘दिग्विजय के समय मिला पंचायतों में नौकरी में आरक्षण’
‘बिना पदोन्नत 62 हजार कर्मचारी हुए रिटायर’
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों को लेकर सियासत गरमा गई है…विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया…नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा आरक्षण के मामले को लेकर तारीख की बढ़ रही है… कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी हुई है…क्रमोन्नति अधिकारियों की हो रही है लेकिन कर्मचारियों की क्यों नहीं हो रही है…इस बीच खबर ये आ रही है कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता यानी DA देने की तैयारी कर रही है…इससे 12 महीने में राज्य कर्मचारियों का DA 22 प्रतिशत बढ़कर 38 प्रतिशत हो जाएगा…लेकिन कर्मचारी वर्ग का हितैषी होने को लेकर जारी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है…देखिए एक रिपोर्ट
कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश के 7 लाख से अधिक कर्मचारियों के साथ बीजेपी अन्याय कर रही है… आरक्षण पर भारतीय जनता पार्टी का कोई विश्वास नहीं है ..पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर कोई भी कदम बीजेपी ने नहीं उठाया…डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा सीएम रहते हुए अर्जुन सिंह ने ही महाजन आयोग का गठन किया था…उन्होंने ही पिछड़े वर्ग की समस्या को दूर किया था …दिग्विजय सिंह की सरकार के समय पंचायतों में शासकीय नौकरियों में निगम मंडलों में भी आरक्षण दिलाया था.. इसके बाद जब कमलनाथ कि सरकार आई तो 27 प्रतिशत आरक्षण किया…लेकिन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने संवैधानिक कारणों से 27 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं हुआ जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट में मामला वर्षों से चल रहा है कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया और विधानसभा में इस मामले को उठाया गया लेकिन आज तक हल नहीं हुआ … सुप्रीम कोर्ट में भी लगातार आरक्षण के मामले को लेकर तारीख की बढ़ रही है.. अधिकारियों की उन्नति और पदोन्नति क्यों हो रही है… जबकि कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी हुई है… क्रमोन्नति अधिकारियों की हो रही है लेकिन कर्मचारियों की क्यों नहीं हो रही है …बीजेपी की सरकार शासकीय कर्मचारी अधिकारी विरोधी है…कांग्रेस चाहती है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से 9 मार्च 2020 का जो सामान प्रशासन विभाग का आदेश है… उसे लागू करें… जब तक सर्वोच्च न्यायालय का आदेश नहीं आता तब तक कर्मचारियों अधिकारियों का क्रमोन्नत किया जाए…प्रदेश के 62 हजार कर्मचारी बिना पदोन्नत के बाहर हो चुके हैं रिटायर हो चुके हैं …
इधर एमपी सरकार की ओर से डीए के भुगतान को लेकर 24 अक्टूबर से पहले करने का विचार किया जा रहा है. ..इस पर अंतिम फैसला 11 अक्टूबर के बाद लिया जाना है…डीए में बढ़ोत्तरी से राज्य सरकार पर इस वित्त वर्ष में 700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा… वहीं 1 जुलाई से 30 सितंबर तक का एरियर देने पर सरकार को एकमुश्त 312 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे… हालांकि एमपी सरकार चाहकर भी पेंशनर्स का महंगाई राहत नहीं बढ़ा पा रही है…क्यों डीआर को बढ़ाने में धारा 49 आड़े आ रही है… दरअसल पेंशनरों का डीआर बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ से वित्तीय सहमति लेनी होगी…डेस्क रिपोर्ट न्यूजआर भोपाल…