हिंदी में होगी अब डॉक्टरी की पढ़ाई, मंत्री सारंग ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा | DEBATE |
हिंदी में होगी अब डॉक्टरी की पढ़ाई
राजधानी आएंगे गृहमंत्री अमित शाह
अमित शाह करेंगे किताबों का विमोचन
MBBS की हिंदी किताबों का करेंगे विमोचन
मंत्री सारंग ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा
कांग्रेस उठा रही सरकार के प्रयास पर सवाल
‘पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में की थी’
‘आज बेरोजगार घूम रहे इंजीनियर’
आमतौर पर अंग्रेजी में होने वाली एमबीबीएस की पढ़ाई अब हिंदी में भी जो सकेगी. इसे ग्रामीण क्षेत्र के विद्धयार्थियों के हक उठाया अच्छा कदम बताया जा रहा है… मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है …जहां हिंदी में भी मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत की जा रही है..वहीं इसे लेकर कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है…उसका कहना है कि सरकार ने इंजिनियरिंग की पढ़ाई भी कभी हिन्दी में कराई थी…आज हिन्दी भाषा में इंजिनियरिंग करने वाले युवा बेरोजगार घूम रहे हैं…किस तरह इस पर बयानबाजी हो रही है देखिए एक रिपोर्ट…
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में एमबीबीएस की हिंदी किताबों का विमोचन करेंगे…इसके साथ ही मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा.. जहां हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो जायेगी..इस पूरे प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों, मेडिकल स्टाफ और मंत्री खुद दिन रात जुटे रहे…हिन्दी में पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में हिन्दी वाररूम “मंदार” तैयार किया गया था….मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा यह देश एवं प्रदेश के लिये गर्व का विषय है कि आजादी के अमृत महोत्सव में हिंदी माध्यम में शिक्षित छात्रों के लिये हिन्दी में भी मेडिकल की पढ़ाई के असंभव और अकल्पनीय कार्य का शुभारंभ किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करने का सपना साकार होने जा रहा है.
बंपर जीएफएक्स
मध्यप्रदेश में क्या हैं तैयारियां?
हिन्दी में तैयार किया मेडिकल का पाठ्यक्रम
कार्य योजना बना कर तैयार किया पाठ्यक्रम
टास्क फोर्स का गठन किया गया
शामिल किये मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों के सुझाव
EDI जारी कर MBBS के विषयों के ऑथर
पब्लिशर को शॉर्टलिस्ट किया गया है
पुस्तकों के हिन्दी रूपांतरण का काम प्रोफेसर्स ने किया
एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की तीन पुस्तकें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो केमिस्ट्री बनकर तैयार हैं. किताबें इस तरह से तैयार की जा रही हैं कि रक्तचाप, रीढ़, हृदय, गुर्दे और यकृत या शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों और संबंधित शब्दों जैसे तकनीकी शब्दों को अंग्रेजी में उच्चारित करने के लिए देवनागरी में लिखा गया है. कहा जा रहा है कि हिंदी में सिलेबस होने से विद्यार्थियों की समझ में इजाफा होगा मध्य प्रदेश सरकार कल गृहमंत्री अमित शाह के हाथों से मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने को लेकर पुस्तकों का विमोचन कराने जा रही है …
वहीं कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल खड़े किये हैं…कांग्रेस का कहना है पहले भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में कराई गई थी…लेकिन प्रयोग अससफल रहा…हिन्दी भाषा में इंजीनियरिंग करने वाले युवा बेरोजगार घूम रहे हैं…
सीएम शिवराज ने कहा उन्हें ज्यादा कुछ कहना नहीं है …क्योंकि हम करना चाहते है…हिंदी विश्वविद्यालय उसी का परिणाम था… ये अलग बात है कि कम सफल हुआ या ज्यादा…सीएम ने कहा मानस में परिवर्तन हो रहा है आगे भी होगा, लेकिन कुछ शब्द जो अब व्यहवारिक हैं.. उन्हें भी शामिल करना होगा, अगर हम व्यहवारिक नहीं होंगे तो असफल हो जाएंगे … सीएम ने कहा हम अंग्रेजी के विरोधी नही है लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरूकता जरूरी है…आज यह मानसिकता गलत है कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं हो सकता है..उन्होंने मेडिकल कॉलेज के कई बच्चों को सिर्फ इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते देखा है क्योंकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी…यह एक सामाजिक क्रांति है .. कुछ भी असंभव नहीं है…जब उन्होंने घोषणा की थी कि तो कुछ लोग हंस रहे थे लेकिन हमने कर के दिखा दिया ..रूस, जापान, जमर्नी चाइना जैसे देशों में कौन अंग्रेजी को पूछता है…हम ही गुलाम हो गए …
भाषा कोई भी हो छात्र हित में होना चाहिए…इंग्लिश के साथ-साथ ही अब हिंदी में भी एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जाएगी…जिससे ग्रामीण अंचल के उन छात्रों का सपना पूरा हो सकेगा…जो डॉक्टर बनना चाहते हैं लेकिन उनके सपनों के आड़े अंग्रेजी आ जाती थी…इस पहल से उन्हें काफी फायदा होने की उम्मीद है…लेकिन इस पर सियासी बयानबाजी भी थमने का नाम नहीं ले रही है..देखना होगा हिन्दी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई सफल होती है या बयानबाजी…डेस्क रिपोर्ट