स्वास्थ्य विभाग या लूट का अड्डा हाथ से बनी पर्ची मूल्य 10 रुपया | JAN MUDDA |
स्वास्थ्य विभाग या लूट का अड्डा!
बिजली कट… लूट शुरु!
विभाग ने खोजा कमाई का रास्ता…!
अस्पताल में पर्ची का धन्धा!
हाथ से बनी पर्ची…मूल्य 10 रुपया!
आज इस कार्यक्रम में हम बात करेंगे अस्पताल में चल रहे गोरखधंधे की… जहां हाथ से पर्ची बनाकर मरीजों से लूट की जा रही है… कैसे आज सी मुद्दे पर करेंगे चर्चा… तो आइए शुरु करते हैं… जनमुद्दा…
अशोकनगर जिला चिकित्सालय हमेशा लूट के मामले में सुर्खियों में रहा है… वहीं पर एक बार फिर यह जिला चिकित्सालय सुर्खियों में है… दरअसल जहां मरीजों के लिए पंजीयन पर्ची बनाई जाती हैं… इस बार स्वास्थ्य विभाग… वहीं अतिरिक्त कमाई के रास्ते खोज लिया है…यहां कंप्यूटर ऑफिस में कुछ देर के लिए लाइट सप्लाई काट दी जाती है… और कंप्यूटर के बजाए हाथ से रोगियों के लिए पर्चे बनाए जाते हैं… ऐसे में हाथ से बनी पर्ची के लिए 10 रुपए चार्ज किया जाता है… आरोप है कि सिविल सर्जन डॉ.डी.के भार्गव और ठेकेदार की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा है…जबकि जिला स्वास्थ्य विभाग में लाइट सप्लाई बंद ना हो और मरीजों को किसी तरह की कोई भी परेशानी ना हो… इसके लिए जनरेटर की एक्स्ट्रा व्यवस्थाएं होनी चाहिए… ताकि मरीजों को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना होय…जब इससे संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने यह तो माना कि अक्सर ऐसी स्थिति हो जाती है…. मरीजों को असुविधा ना हो इसलिए हाथ से रोगी के लिए पर्चे बनाए जाते हैं… बात यहीं पर खत्म नहीं होती… बनाए गए पर्चो की एंट्री भी नहीं की गई थी… मरीजों से पूछने पर पता चला कि इतनी देर में 100 से 200 पर्चे बनाए जा चुके थे… इसी प्रकार रोज लगातार ऐसा ही सिलसिला चलता है… जब जिम्मेदार अधिकारी ही इस पर ध्यान नहीं देते हैं… सिविल सर्जन ने तो सारी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के ठेकेदार की कहकर पल्ला झाड़ लिया…फिर कार्रवाई कौन करेगा… अब देखना ये होगा इस लूट पर लगाम लगाई जाती है या फिर यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा सुनिए इस पर पूछने पर सिविल सर्जन डीके भार्गव ने क्या सफाई दी