शिक्षा के लिए परेशान होती छात्राएं
बच्चियों की सुनने वाला कोई नहीं
जनप्रतिनिधियों ने दी आश्वासन की लॉलीपॉप
आज के इस बदलते युग में जहां महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे रखा जाता है…बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के नारे के साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तमाम योजनाएं भी चलाई जाती है… लेकिन क्या इन योजनाओं से और क्या देश की हर बेटी को अच्छी शिक्षा मिल रही है..ये एक ऐसा सवाल है..जिसका जबाब शायद ही किसी के पास न हो..बड़बानी में कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहां बेटियों को शिक्षा लेने के लिए पैदल कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है…किस तरह उन्हे परेशानियों का सामना करना पड़ता है..आइए देखते है एक रिपोर्ट में
बड़वानी जिला प्रशासन जो विकास के लाख दावे करता है…मगर पाटी विकासखण्ड में जिला प्रशासन के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है…बड़वानी जिला जंहा की चारों विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी विधायक है जिला मुख्यालय बड़वानी जंहा से खरगोन बड़वानी सांसद गजेन्द्रसिंह पटेल राज्यसभा सांसद डॉ सुमेरसिंह सोलंकी सहित प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल आदिवासी समाज के नेतृत्व के साथ राजनीति में भी एक दमदार मुकाम पर है..बावजूद यहां की 200 छात्राएं को शिक्षा के लिए अपनी जान को खतरें में डालना पड़ता है…बतादें की छात्राओं का हॉस्टल बूंदी में है..जंहा 5 हॉस्टल है जिनमे एक छात्रों का तो 4 हॉस्टल छात्राओ के है..जिसके चलते हर दिन बच्चियों को 8 km का सफर तय करना पड़ता है…जिन्हें न वाहन की सुविधा है न कोई अन्य प्रकार की सुविधा है…समस्या के समाधान के लिए सबसे गुहार लगा चुकी है..लेकिन कोई समाधान नही निकला…