छात्रावास में नहीं मूलभूत सुविधाएं
बच्चों से कराई जाती है साफ-सफाई
नहीं मिलता पौष्टिक भोजन
खेल की सामग्री भी नहीं उपलब्ध
बालक हॉस्टल में नहीं रहते अधीक्षक
सरकार के पैसों का हो रहा बंदरबांट ?
हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को पौष्टिक आहार, अन्य सुविधा मुहैया कराने के लिए शासन से पर्याप्त राशि दी जाती है..लेकिन जिम्मेदार बच्चों को ना तो पौष्टिक भोजन दे रहे हैं..और ना ही अन्य सुविधाएं..खेलकूद की सामग्री भी नहीं है..ऐसे ही कई और परेशानियों के बारे में चर्चा करेंगे जनमुद्दा में…
सिवनी जिले के घंसौर ब्लॉक के ग्राम सेकारा में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित बालक आष्टा संचालित किया जा रहा है..लेकिन जिम्मेदार छात्रावास को भगवान भरोसे छोड़कर, शासन के नियमों को ठेंगा दिखाकर, अपने घर में आराम फरमा रहे हैं..शासन की सुविधाएं और योजनाओं को देखने जब हमारी टीम होस्टल पहुंची तो छात्रावास के अधीक्षक गायब मिले..बच्चों ने बताया कि जंगल के करीब हॉस्टल है..यहां पर जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता है..बच्चों ने बताया यहां से कई महीनों से वे सिर्फ सूखा पोहा खा रहे हैं..नाश्ता के नाम पर सुबह के समय मात्र दाल रोटी चावल मिलता है..वह भी गिनती से..दो रोटी से ज्यादा किसी को नहीं मिलती..स्पेशल खाना जो हफ्ते में एक बार बनना चाहिए..यहां पर मात्र महीने में एक बार बनता है..यहां पर साफ-सफाई भी उन्हें खुद ही करनी पड़ती है..खेलकूद के लिए भी पर्याप्त सामान उपलब्ध नहीं है..जबकि सरकार से हर महीने हजारों रुपए खेलकूद औऱ अन्य व्यवस्थाओं के लिए मिलते हैं पर यह पैसा जा कहां रहा है..कोई नहीं जानता..