बंद पड़े सामुदायिक शौचालय!
रख रखाव पर लाखों खर्च
जिम्मेदार कौन!
ग्रामीणों ने की जांच की मांग!
अमेठी में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने सामुदायिक शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं… करोड़ों रुपयों के खर्च के बावजूद सामुदायिक शौचालयों में लटक रहे ताले विभागीय दावों को पोल खोल रहे है… भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए बंद पड़े सामुदायिक शौचालयों के रख रखाव के लिए लाखों रुपयों की धन राशि प्रतिमाह जारी की जा रही है… एक तरफ जहां ग्राम पंचायत हरगांल,कपासी और बघईया कमालपुर जैसे तमाम गांवों में सामुदायिक शौचालय बनाकर सरकार बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है… वही जनपद के भ्रष्ट जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ज्यादातर सामुदायिक शौचालय पर ताले लटके हैं… अगर कहीं पर ताला खोला भी है तो वहां गंदगी का भारी अंबार लगा है… स्थानीय लोगों को आज भी सामुदायिक शौचालय का लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है… स्थानीय लोगों का कहना है आज भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं… घर की बहू बेटी भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं… ग्रामीणों का कहना था या तो सरकार बंद पड़े शौचालय को गिरवा दे… या फिर इन्हें कागज पर ही नहीं धरातल पर भी चालू रखने के लिए कोई ठोस कदम उठाए…. ग्रामीणों की मांग है कि बंद पड़े शौचालयों में जिस तरह से सरकारी धन रखरखाव और सफाई के नाम पर निकाला जा रहा है… उनके ऊपर ठोस कार्रवाई करते हुए धनराशि की वसूली की जाए… वहीं कई जगह शौचालय के रखरखाव का जिम्मा संभाल रही समूह की महिलाओं का कहना है कई माह से उनका मानदेय नहीं मिल रहा है….इस मामले में डीपीआरओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कार्रवाई की बात कही है…