राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या-20, nh7 और nh27 का संगम बिंदु रीवा जिला है | SPECIAL REPORT |

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राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या-20  

राष्ट्रीय राजमार्गों- कुल लंबाई 4709 किलोमीटर है

nh7 और nh27 का संगम बिंदु रीवा जिला है।

राज्य में देश का लगभग 8% राष्ट्रीय राजमार्ग है।

प्रदेश की कुल सड़कों में से 11.1% राज्य मार्ग का है।

वर्तमान में राज्य में लगभग 48 राज्य राजमार्ग है।

राजमार्गों में 500 किलोमीटर से अधिक लंबाई के 4 राजमार्ग है।

एनसीआरबी रिपोर्ट-2021

53.5% रोड एक्सीडेंट दोपहर 12.00बजे-रात 9.00 बजे तक

20.2% रोड एक्सीडेंट शाम 6.00PM-9PM तक

17.8% रोड एक्सीडेंट दोपहर 3PM-6PM के बीच

2021 में देश में कुल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या- 4लाख 03 हज़ार 116।

वर्ष 2021 में 6PM-9PM के बीच 81 हज़ार 410 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं।

6PM-9PM के बीच तमिलनाडू में दुर्घटनाओं की संख्या- 14,415

देश में इस समयावधि में मार्ग दुर्घटनाओं की किसी प्रदेश में यह सर्वाधिक संख्या है।

6PM-9PM के बीच मध्य प्रदेश में- 9,798 दुर्घटनाएं

इस समय में दुर्घटनाओं का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।

इसके बाद केरल है जहां इस अवधि में 6,765 दुर्घटनाएं हुई।

जनवरी 2021 में दर्ज किए गए40,235 रोड एक्सीडेंट

फरवरी 2021 में दर्ज किए गए 36,809 रोड एक्सीडेंट

दिसंबर में 2020 में 38,028 सड़क दुर्घटनाएं हुई!

उत्तर प्रदेश में नेशनल हाईवे की संख्या- 81

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 219  

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई -11,737 किलोमीटर

आज इस कायक्रम में बात करेंगे भारत की सड़कों के बारें में… और उस पर हो रही दुर्घटनाओं के बारें में… साथ ही साथ बात करेंगे… बेहतरीन सड़कों के लिए सरकार के प्रयासों के बारे … तो आइए शुरु करते हैं बड़े धोखे हैं इस राह में…

भारत ही नहीं विश्व भर में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या बहुत ज्यादा है… भारत जैसे देश में खराब सड़क, यातायात के नियमों का पालन न करना और शराब पीकर वाहन चलाना सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण है.  सड़क दुर्घटनाओं पर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े दिल दहलाने वाले हैं. लेकिन सड़कों की अच्छी व्यवस्था और और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता अभियान ने कुछ असर दिखाया है… फिर भी पिछले साल सड़क हादसों में हर घंटे 16 लोग मारे गए. देश के बड़े शहरों में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या ज्यादा है. सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले शहरों की बात की जाए तो दिल्ली में उसमें सर्वोपरि है. दिल्ली के अलावा चेन्नई,जयपुर, बेंगलुरू, मुंबई, कानपुर, लखनऊ, आगरा, हैदराबाद और पुणे का नाम शामिल है. दिल्ली सड़क पर होने वाली मौतों के मामले में सबसे आगे रही जबकि उत्तर प्रदेश सबसे घातक प्रांत रहा.

विश्व बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सड़क दुर्घटनाओं में हताहत होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारत के होते हैं। भारत में दुनिया के सिर्फ एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा 11 प्रतिशत है। देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और हर चार मिनट में एक मौत होती हैपिछले एक दशक में भारतीय सड़कों पर 13 लाख लोगों की मौत हुई है और इनके अलावा 50 लाख लोग घायल हुए हैं…. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं के चलते 5.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.14 प्रतिशत के बराबर नुकसान होता है

अब बात सड़क परिवहन मंत्रालय की कर लेते हैं… और जान लेते हैं उसकी रिपोर्ट क्या कहती है…

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा हाल ही में किये गये एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं से 1,47,114 करोड़ रुपये की सामाजिक व आर्थिक क्षति होती है, जो जीडीपी के 0.77 प्रतिशत के बराबर है…  मंत्रालय के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं का शिकार लोगों में 76.2 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनकी उम्र 18 से 45 साल के बीच है यानी ये लोग कामकाजी आयु वर्ग के हैं…  

https://youtu.be/DslqFShPAqI