आदिवासी वोट बैंक पर कांग्रेस का फोकस, जंगल का हक कांग्रेस ने दिया | DEBATE |

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आदिवासी और दलित पर कांग्रेस का फोकस

आदिवासी पर फोकस क्यों हुई भारत जोड़ो यात्रा

तीन राज्यों के आदिवासियों को साधने की कोशिश

टंट्या भील की जन्मस्थली पहुंचे राहुल गांधी

अंबेडकर जन्मस्थली भी जाएंगे राहुल गांधी

आदिवासी वोट बैंक पर कांग्रेस का फोकस

राहुल गांधी ने साधा बीजेपी पर निशाना

‘जंगल का हक कांग्रेस ने दिया’

‘आदिवासियों को वनाधिकार कांग्रेस ने दिया’

‘आदिवासी इस देश के ओरिजनल मालिक हैं’

बीजेपी ने किया राहुल पर पलटवार

बोले भगवानदास सबनानी

‘कांग्रेस को चुनाव के समय ही याद आते हैं शहीद’

2024 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की सियासी जमीन तैयार करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी इन दिनों मध्यप्रदेश में हैं…मध्यप्रदेश जिसे देश का हद्य प्रदेश के साथ बीजेपी के गढ़ के रूप में पहचाना जाता है…वहां पर कांग्रेस ने अपने परंपरागत दलित और आदिवासी वोटरों को फिर अपने से जोड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रही है…आदिवासियों के बीच पहुंचे राहुल गांधी ने कहा आदिवासी हिन्दुस्तान के असली मालिक हैं…कांग्रेस ने उन्हें उनका अधिकार दिया…इस पर बीजेपी कांग्रेस और राहुल गांधी को कठघेरे में खड़ा कर रही है…किस तरह आदिवासियों पर सियासत हो रही है देखिए एक रिपोर्ट….

भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा आदिवासी रंग में रंगे नजर आए…

वे बड़ौदा के अहीर में आदिवासी नायक टंट्या भील की जन्मस्थली पहुंचे…जहां उन्हें श्रदांजालि अर्पित की…और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा…

दरअसल टंट्या भील की जन्मस्थली पर कांग्रेस ने मेगा इंवेट कर एक नहीं तीन राज्यों मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान के आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश की है…गुजरात जहां वर्तमान में विधानसभा चुनाव चल रहे है… वहां राज्य की 182…सदस्यीय विधानसभा में 27 सीटें आदिवासियों के लिए रिजर्व हैं… इसके साथ ही राज्य की 35 से 40 विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटर जीत-हार तय कर सकते हैं… गुजरात के बाद अब बात करते हैं मध्यप्रदेश की.. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है…यहां आदिवासी वोटर ही कांग्रेस का भविष्य तय करेंगे…राज्य में विधानसभा की 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं…वहीं करीब 90 से 100 सीटों पर आदिवासी वोट बैंक निर्णायक भूमिका निभाते हैं…2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 30 सीटें जीतकर 15 साल सत्ता में वापसी की थी…आदिवासी वोटर जो 2003 के पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस को कोर वोट बैंक के रूप में देखा जाता था…लेकिन पिछले 20 साल में कांग्रेस से छिटक गया था…2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासी वोट बैंक को अपनी ओर लाने की कोशिश की थी…लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में आदिवासियों का फिर कांग्रेस से मोहभंग हो गया…

वीओ…राहुल गांधी टंट्या भील की जन्मस्थली बडौदा अहीर पहुंचे…जहां बीजेपी पर निशाना साधा…इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कहा कांग्रेस के नेताओं को पहले इन शहीदों की याद क्यों नहीं आई…कांग्रेस ने इनको अपना एकाधिकार बना कर रखा था…जबकि यह सभी के हैं…आखिर अब कांग्रेस को उनकी याद क्यों आ रही है…

वहीं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा जब भारत जोड़ो यात्रा की योजना बनाई जा रही थी…तब कोई इस तरह की भावना नहीं थी..की आदिवासी वर्ग के बीच ही राहुल गांधी पहुंचेंगे…

दरसअसल मध्यप्रदेश वह पहला राज्य है जहां सहीं मायनों में उत्तर भारत की कास्ट पॉलिटिक्स की सियासत शुरु होती है। यहीं कारण है कि मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस ने आदिवासी और दलित वोटबैंक को कांग्रेस के पाले में फिर से लाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है..यात्रा के 78 दिन अब राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी शामिल हो गईं हैं…और कांग्रेस संगठन में नई जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं..हालांकि ये तो आने वाला समय ही बतायेगा कि कांग्रेस और राहुल गांधी अपने उद्देध्य में सफल होते हैं या नहीं..

https://youtu.be/d6La62Gmj0U