क्या पायलट भरेंगे बीजेपी की उड़ान, गद्दार कौन क्या होगा फैसला | SPECIAL REPORT |

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क्या पायलट भरेंगे बीजेपी की उड़ान?

गद्दार कौन क्या होगा फैसला?

गहलोत का बयान लाएगा सियासी भूचाल?

यात्रा के हिंदी पट्टी में पहुंचने पर प्रियंका गांधी और सचिन पायलट समेत कई नेता शामिल हुए….लेकिन इस बीच प्रियंका के साथ पायलट के पहुंचते ही अशोक गहलोत ने उन्हें ‘गद्दार’ करार दिया…

बाइट- अशोक गहलोत,सीएम, राज.

अशोक गहलोत के इस बयान से सियासी बवाल मच गया है… राजस्थान के राजनैतिक गलियारों में गहलोत के बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं… इसकी सबसे बड़ी वजह ये भी है कि अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान जाने वाली है… ऐसे में अशोक गेहलोत के बयान से पार्टी के अंदर बखेड़ा बढ़ सकता है… राहुल गांधी के पहले राजस्थान कांग्रेस में बड़ी बगावत हो सकती है… वैसे अगर बगावत की बात की जाय तो सचिन और गहलोत दोनों ने बगावत कर रखी है… बगावत के बाद सचिन का उप मुख्यमंत्री का पद छिना तो वहीं… अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते-बनते रह गए… ऐसे में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सचिन पायलट से सहानुभुति जताई है…

बाइट- डॉ.नरोत्तम मिश्रा,गृहमंत्री,मप्र

फाइनल वीओ- वैसे राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया है… अब यह देखने वाली बात होगी राजस्थआन की राजनीति में क्या गुल खिलने वाला है… स्पेशल डेस्क…news hour            

पायलट इससे पहले भी बागी तेवर दिखा चुके हैं… सचिन पायलट ने 2020 में अपने समर्थक 19 विधायकों के साथ पार्टी से बगावत कर दी…, सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ एक होटल में जा पहुंचे… इस बीच घटनाक्रम तेजी से बढ़ते रहे… सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद पायलट ने बागवत की उड़ान भरी… लेकिन अशोक गेहतोल जैसे सीनियर नेता के आगे वो बगावत कमजोर पड़ गई। विधायकों ने सचिन का साथ छोड़ दिया और वापसी के बाद सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से भी हटा दिया गया…

वीओ-2  पिछले दिनों अशोक गेहलोत का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे था… उस समय आलकमान ने पर्यवेक्षक भेज अगले मुख्यमंत्री के लिए विधायकों की राय जाननी चाही… गेहलोत खेमे को डर था कि कहीं आलाकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कमान न सौंप दे… इसके चलते अशोक गेहलोत के विधायकों ने पर्यवेक्षकों से बागियों जैसा व्यवहार किया… हांलाकि फिर अशोक गेहलोत का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए…

क्या अकेले ही बीजेपी में जाऐंगे पायलट

अब मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के ताजा बयान से सियासत तो गरमा गई। =0=0==0=

राजस्थान कांग्रेस में सियासी बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है… गुरुवार को अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट को लेकर की गई टिप्पणी के बाद सियासी हलचल मच गई है…  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को ‘गद्दार’ करार दिया और कहा कि वह कभी भी राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते. अशोक गहलोत की इस टिप्पणी पर राज्य सरकार में मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने बड़ा बयान दिया है… राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस के 80 फीसदी विधायक सचिन पायलट के साथ हैं और राज्य में उनसे अच्छा कोई नेता नहीं है.अशोक गहलोत की सरकार में राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि सचिन पायलट के साथ 80 फीसदी विधायक नहीं मिले तो हम मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दांव छोड़ देंगे… उनसे बेहतर राजनेता कोई नहीं. मीडिया से बातचीत में कहा में उन्होंने कहा कि विधायक सचिन पालयट के साथ हैं इसके लिए एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए.

गुरुवार को राजस्थान में क्या हुआ?
राजस्थान में गुरुवार को अशोक गहलोत और सचिन पायलट खुलकर एक-दूसरे के सामने आए गए. दोनों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए. अशोक गहलोत ने सचिन पायलट न सिर्फ गद्दार कहा बल्कि ये भी कहा कि पायलट ने साल 2020 में कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह किया था और राज्य सरकार को गिराने की कोशिश की थी. 

सचिन पायलट ने भी किया पलटवार

अशोक गहलोत के वार के बाद सचिन पायलट की तरफ से भी पलटवार किया गया. सचिन पायलट ने कहा, ”मैंने अशोक गहलोत जी के आज के बयानों को देखा है जो मेरे खिलाफ है. इतने अनुभव वाले किसी वरिष्ठ व्यक्ति को, जिन्हें पार्टी ने इतना कुछ दिया है, उनका ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना, पूरी तरह झूठे और निराधार आरोप लगाना शोभा नहीं देता.”

2018 से चल रहा है विवाद
आपको बता दें कि राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच गतिरोध चल रहा है. राजस्थान चुनाव के समय सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे. उनके नेतृत्व में कांग्रेस सत्ता में लौटी थी लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री पद दिया. इसके बाद से लगातार अशोक गहलोत और सचिन पायलट आमने-सामने दिखाई देते है.

https://youtu.be/JUSWOdJdIw0