दिल्ली विस सत्र का अंतिम दिन
सदन में दिखीं नोटों की गड्डियां
AAP विधायक ने लहराईं गड्डियां
अस्पताल में भर्ती को लेकर कही बड़ी बात
‘अस्पताल में भर्ती के लिए ली जाती है रिश्वत’
खुद को खरीदने का भी लगाया आरोप
AAP विधायक ने सदन में लहराईं गड्डियां
अस्पताल में भर्ती को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना
कहा- भर्ती के लिए ली जाती है रिश्वत
अस्पताल में भर्ती के लिए उगाही का आरोप
विधायक ने खुद को खरीदने की भी कही बात
जान जोखिम में डालकर भ्रष्टाचार किया उजागर
दिल्ली विस सत्र का आज अंतिम दिन था..आज भी आप ने कई मुद्दों को लेकर बीजेपी को घेरा..आज रिठाला से आप विधायक मोहिंदर गोयल ने सदन में नोटों की गड्डियां लहराईं..और बताया कि..बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में रिश्वत ली जाती है..अब उनकेपास ये नोटों की गड्डी कैसे आई..और क्या आरोप केंद्र सरकार पर लगे..करेंगे चर्चा..पहले देखिए एक रिपोर्ट”
दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक ने नोटों की गड्डी लहराई। रिठाला से AAP विधायक मोहिंदर गोयल ने नोटों की गड्डी लहराते हुए कहा कि..उन्हें खरीदने की कोशिश की गई। गोयल ने आरोप लगाया कि दिल्ली के अंबेडकर अस्पताल में माफिया पैसे लेकर नौकरियां दे रहा है। उन्हें चुप रहने के लिए रिश्वत देने की कोशिश की गई। गोयल ने कहा कि उन्होंने यह मुद्दा LG वीके सक्सेना के सामने भी उठाया था।
मोहिंदर गोयल के मुताबिक, उन्होंने इसकी शिकायत डीसीपी, मुख्य सचिव और उपराज्यपाल तक से की थी. उन्होंने मुझसे सेटिंग की कोशिश की कि विधायक को भी मिला लें. खुलासे के लिए मैंने उनसे सेटिंग की और डीसीपी को जानकारी दी कि..15 लाख रिश्वत का पैसे मुझे दे रहे हैं और मैं उन्हें रंगे हाथ पकड़वाना चाहता हूं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मैं जान जोखिम में डालकर यह काम कर रहा हूं वे इतने दबंग लोग हैं कि मेरी जान ले सकते हैं. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
गोयल ने आरोप लगाया, ‘यहां जिन लोगों को नियमानुसार नौकरी दी जानी चाहिए, उन्हें नहीं दी जा रही है। यहां नर्सिंग और दूसरे पदों के लिए टेंडर निकाला गया है।’उन्होंने कहा, ‘सरकार के नियमों के मुताबिक 80 फीसदी भर्तियां पुराने कर्मचारियों की होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जिन कर्मचारियों को नौकरी मिलती है, उनके वेतन में से ठेकेदार अपना हिस्सा लेते हैं। माफिया और ठेकेदार सेटिंग के जरिए पैसे लेकर नौकरियां दे रहे हैं। शिकायत सभी जगह की, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।’
अब जान जोखिम में डाल ही दी है..तो हो सकता है कि वह दिल्ली पुलिस से उनकी सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए कहें और रिश्वतखोरी के इस मामले में जांच के लिए भी कह दें..