कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव
दो महिला और एक बच्चे की मौत,73 बीमार
कौन है तीन मौतों का जिम्मेदार ?
आखिर मासूम की मौत का जिम्मेदार कौन?
10 लाख का इंतजाम,20 लाख लोग पहुंचे
सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान मौत का तांडव देखने को मिला…यहां एक तीन साल के बच्चे के साथ 2 महिलाओं की मौत हो गई… इतना ही नहीं… अभी 73 लोग बिमार बताए जा रहे है… महोत्सव के पहले दिन ही गुरुवार को लाखों लोगों की भीड़ के कारण कार्यक्रम स्थल पर हालात बेकाबू हो गए थे… लेकिन प्रशासन सोया रहा… और रुद्राक्ष वितरीत होते रहे…हाइवे पर जाम लगा रहा लोग 10-12 घंटे तक जाम में फंसे रहे…लेकिन प्रशासन की नींद अगले दिन खुली… अगले दिन यानि शुक्रवार को भारी भीड़ के बाद रुद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम रोका गया… हलॉकि आज हालात काबू में है… हलॉकि आज इंदौर-भोपाल हाईवे पर ट्रैफिक जाम के हालात नहीं हैं… लेकिन सवाल है… तीनों लोगों के मौत का जिम्मेदार कौन है… कुबेरेश्वर धाम मंदिर समिति या जिला प्रशासन… कौन लेगा इनकी मौत की जिम्मेदारी… भीड़ बढ़ती रही… रुद्राक्ष बंटता रहा… लोग बिमार पड़ते रहे… धाम प्रवंधन समिति सोती रही… और जिला प्रसाशन उंघता रहा… ऐसे में पिछली बार हुई अव्यवस्थाओं से भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया… इस साल भी हाईवे पर जाम के हालात बने हुए थे… हाईवे पर वाहनों की कतारें लगी रहीं। लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। जाम से हो रही परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मार्ग से आ जा रहीं कई एम्बुलेंस भी फंस गईं…प्रशासन का कहना है कि पुराण कथा के नाम पर अनुमति ली गई थी… समिति ने 5 से 6 लाख लोगों के आने का अनुमान बताया था, फिर भी हमने 10 लाख लोगों के लिए धाम में जाने और बाहर आने के इंतजाम किए थे… सुबह से भीड़ बढ़ती गई और दोपहर 12 बजे तक करीब 20 लाख लोग पहुंच गए… ये अनुमान से दोगुना है। इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया है… 5 पार्किंग रात में फुल हो गईं थीं। सुबह जो लोग पहुंचे उन्होंने सड़क पर गाड़ियां लगा दीं… 95% लोग चार पहिया वाहन से पहुंचे… महोत्सव के लिए समिति ने सोशल मीडिया के जरिए आमंत्रण दिया। जिसे जो जानकारी मिली, वो पहुंच गया… इस लिए अव्यस्था हुई.