नर्सों के भरोसे जिला चिकित्सालय
डॉ लापता, मरीज़ बेहाल!
भगवान भरोसे मरीज़…
डॉक्टरों पर आरोप
प्राइवेट क्लिनीक पर आते हैं नज़र
कहते हैं न भगवान से साक्षातकार होना आसान नहीं है… इसके लिए बड़ी तपस्या करनी पड़ती है…ऐसी कुछ स्थिती धरती के भगवान की भी है… अनुपुर जिला अस्पताल की बात करें तो यहां धरती के भगवान के दर्शन होना बहुत ही दुर्लभ है… यहां धरती के भगवान अर्थात डॉ. साहब कब आते हैं और कब चले जाते हैं
मरीज़ों को पता नहीं चलता… हां डॉ साहब के आगमन और गमन की जानकारी शायद नर्सों को जरुर होती है… इलाज़ के बगैर मरीज़ भले ही तड़पतें रहे…लेकिन डॉ साहब नज़र नहीं आते…वैसे बात डॉक्टरों के स्टॉफ की,कि जाय तो… यहां बड़े –बड़े डॉ. तैनात किए गए हैं… और स्टॉफ की भी कमी नहीं है… लेकिन अस्पताल में वे कब प्रकट होते हैं… और कब अदृश्य हो जाते हैं किसी को पता नहीं चलता…वैसे धरती के इन भगवानों पर आरोप है कि ये ज्यादातर अपने प्राइवेट मंदिर क्लिनीक में नज़र आते हैं…यानी जिन लोगों के पास मोटी रकम है…वो इनके प्राइवेट क्लिनिक पर जाकर इनके दर्शन पा सकते हैं… लेकिन जिनके पास ऐसे संसाधन मौजूद नहीं है… वे जिला अस्पताल में बैठ कर टकटकी लगाए इनका इंतजार करते रहते हैं.,. और अंत में इनका पंथ निहारते- निहारते इनकी अखियां थक जाती है… ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि ऐसे डॉक्टरों के भरोसे जनस्वास्थ कैसे सही हो सकता है… इतना ही नही यहां रात के समय मरीजों को खाना दिया जाता है… उसे देख कर आप दंग रह जाएंगें…जली और अधपकी रोटी के साथ दाल और खराब तरीके से बनी सब्जी मिली… इस संबन्ध में जब जिला चिकित्सालय प्रभारी डाक्टर परासते से बात करने की कोशिश की… तो वे नज़र बचाकर भागते नज़र आए… ऐसे में सवाल यह उठता है अगर जिला चिकित्सालय में इलाज की यही व्यवस्था है तो फिर जन स्वास्थ्य भगवान भरोसे ही है