आपातकाल!… नागरिक अधिकारों का हनन!
25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल!
26 जून की सुबह इंदिरा गांधी ने किया था ऐलान
देश में 21 महीने लागू रहा आपातकाल
देश की सुरक्षा को बताया था खतरा
राजनीतिक विरोधियों को जेल में ठूंसा!
नमस्कार…ले देश में 48 साल पहले आज ही के दिन 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया गया था…वह आज का ही दिन था जब तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता की खातिर देश को आपातकाल की आग में झोक दिया था… आज की तारीख 25 जून को भारत के इतिहास में दर्ज है… जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा… देशवासियों के सभी नागरिक अधिकार खत्म कर दिए गए थे… वह आज का ही दिन था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान के आर्टिकल 352 के आधार पर आपात काल लगाने वाले आदेश पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से हस्ताक्षर कराए थे
… इसकी भनक उस समय की कैबिनेट तक को नहीं दी गई थी… रात 12 बजे राष्ट्रपति से गुपचुप ढंग से हस्ताक्षर कराकर 26 जून 1975 को सुबह सुबह आकाशवाणी पर इंदिरा गांधी ने इसका ऐलान कर दिया… कि देश में आपातकाल लागू कर दिया गया है… जिसके समर्थन में तर्क दिया गया कि देश की सुरक्षा को खतरा है… इसके चलते इमरजेंसी लागू की गई है… यह इमरजेंसी पूरे 21 महीने लागू रही… 21 महीने में जो कुछ देश में घटित हुआ वह इतिहास में दर्ज हो गया। भारत में ऐतिहासिक आंतरिक आपातकाल के आज 25 जून को 48 साल पूरे चुके हैं। 21 महीने के आपातकाल में 1 लाख से ज्यादा राजनीतिक विरोधी जेल में बंद किये गये थे। इतना नहीं आपातकाल के उस दौर में आमजन के जीने के अधिकार छीन लिए गए थे। राजनीतिक विरोधियों पर आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम जिसे मीसा कहा गया उसके तहत कार्रवाई की जाती थी। मीसा कानून ऐसा था जिसके आरोपियों की सुनवाई तो अदालत भी नहीं करती थी। हम आपको उन पांच प्रमुख लोगों के बारे में बताते हैं जो आपातकाल को देश में लागू करने में प्रमुख भूमिका में थे। आपातकाल लागू करने में देश के 5 नेताओं की भूमिका अहम थी। जिस पर बाद में सवाल भी खडे़ हुए थे। आपातकाल के 48 साल पूरे होने पर इन्हीं पांच नेताओं के बारे में जानते हैं |