पुनासा का बदहाल स्कूल!
स्कूल भवन निर्माण में भ्रष्टाचार
स्कूल भवन में आयीं दरारें
3 साल में ही निर्माण की खुली पोल
दीवारों में दरार,खतरें में नौनिहाल
दीवारों पर दर्ज है हादसों की आहट!
स्कूल भवन कई साल से पड़ा बदहाल!
शिक्षा महकमे की ऐसी बदहाल तस्वीर
कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय का मामला
पुनासा की सरकारी कन्या उच्च स्तरीय माध्यमिक विद्यालय पुनासा का स्कूल भवन 3 वर्ष पहले एक करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ था लेकिन दादाजी क्रिकेटर्स एन्ड सप्लायर खण्डवा नामक फर्म द्वारा बनाए गए इस भवन में 3 वर्ष के भीतर ही भवन की इमारत जर्जर हो गई है हालत यह है कि कक्षाओं से लेकर शौचालय तक की दीवारों में दरार आ गई है कक्षाओं के फर्श का उखड़ना भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है सबसे अहम बात तो यह है कि भवन निर्माण करता द्वारा भवन निर्माण के बाद हैंडओवर भी कर दिया गया और सम्बंधित विभाग द्वारा बिना गुणवत्त्ता जांच किए अपने अधीन कर लिया गया ओर ना तो अधिकारियों के द्वारा भवन बनने के बाद से आज तक सुध ली गई और ना ठेकेदार द्वारा इन तीन वर्षों में किसी भी प्रकार् भवन की सुध ली गई
सवाल न 01 घटिया निर्माण कार्य की वजह से कन्या स्कूल भवन की दीवारों में दरार आ गई फर्श धंस गया और उखड़ रहा है वही इस भवन का लोकार्पण 23 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था भवन निर्माण के समय ही तत्कालीन कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने भी भवन निर्माण का निरीक्षण करते हुए गुणवत्ता हिन कार्य को देखते हुए उस समय के तत्कालीन परियोजना अधिकारी सतीश शर्मा और ठेकेदार को फटकार लगाई थी लेकिन उसके बावजूद भी तत्कालीन अधिकारियों ने ठेकेदार को भ्रष्टाचार का बढ़ावा देते हुए इस भवन का निर्माण पूर्ण कर दिया गया और इसमें स्कूल भी लगने लगी और आज हालात यह है कि स्कूल भवन के अंदर का हिस्सा जिसमें दीवारों का क्रेक होना साथ ही फर्श उखड़ना और धस जाना भी देखा जा रहा है हालांकि पीआईयु
के अधिकारियों द्वारा स्कूल भवन का निरीक्षण करना भी और संबंधित ठेकेदार पर कार्यवाही करना भी उचित नहीं समझा जा रहा है वही जब इस मामले पर ठेकेदार एश्वर्य राठी से हमारे संवादाता से दुरभाष पर जानकारी ली गई तो बड़ी ही चोकाने वाली बात ठेकेदार कहते नजर आए की काली मिट्टी वाली भूमि पर भवन बना है और इसकी वजह से टाइल्स धंस रही है दवार सिमिन्ट का ट्रक टकराने से आए है हमे विभाग द्वारा निर्देश दिए गए है शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले हम भवन रिपेयर कर देंगे हमारी पाँच वर्षों तक रिपेरिग ओर किसी भी प्रकार्र की खामियों को सुधारने की जवाबदारी है 10 दिनों में हम भवन रिपेयर कर देंगे हमारे पार्टनर निरीक्षण करने गए थे
अब सवाल यह उठता है कि जब स्कूल के भवन का निर्माण किया गया था तो उस समय काली मिट्टी की जमीन होने के कारण सही फीलिंग याने मुरुम की सही दबाई नही की गई थी जिसके परिणाम आज देखने को मिल रहे है और फर्श धसने लगी है या फिर मामला कुछ और ही है क्योंकि इसी भवन के पास ओर भी स्कूल और छात्रावास के भवन भी है जिनकी गुणवत्ता पर कोई प्रश्नचिन्ह नही लगा और किसी प्रकार इनकी टाइल्ड नही धसी
सवाल नंबर 02 दीवारो में क्रेक दिखाई दे रहे है और तो ओर जिन दीवारों को आपस मे जोड़ कर खड़ा किया गया था उनके ज्वाइंट काटे ही नही गए थे और बस चार इंच की दीवार खड़ी कर दी गई थी जो आज अपनी जगह छोड़ती नजर आ रही है
वही निर्माण के दौरान सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया गया होता और इस प्रकार के घटिया निर्माण पर रोक लगाई जाती तो शायद यह एक करोड़ रुपयों की लागत से बनी कन्या शाला का यह भवन अपनी दुर्दशा ओर भ्र्ष्टाचार की कहानी अपनी जुबानी दर्शाता नजर नही आता
पुनासा की सरकारी कन्या उच्च स्तरीय माध्यमिक विद्यालय पुनासा का स्कूल भवन 3 वर्ष पहले एक करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ था लेकिन दादाजी क्रिकेटर्स एन्ड सप्लायर खण्डवा नामक फर्म द्वारा बनाए गए इस भवन में 3 वर्ष के भीतर ही भवन की इमारत जर्जर हो गई है हालत यह है कि कक्षाओं से लेकर शौचालय तक की दीवारों में दरार आ गई है कक्षाओं के फर्श का उखड़ना भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है सबसे अहम बात तो यह है कि भवन निर्माण करता द्वारा भवन निर्माण के बाद हैंडओवर भी कर दिया गया और सम्बंधित विभाग द्वारा बिना गुणवत्त्ता जांच किए अपने अधीन कर लिया गया ओर ना तो अधिकारियों के द्वारा भवन बनने के बाद से आज तक सुध ली गई और ना ठेकेदार द्वारा इन तीन वर्षों में किसी भी प्रकार् भवन की सुध ली गई
सवाल न 01 घटिया निर्माण कार्य की वजह से कन्या स्कूल भवन की दीवारों में दरार आ गई फर्श धंस गया और उखड़ रहा है वही इस भवन का लोकार्पण 23 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था भवन निर्माण के समय ही तत्कालीन कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने भी भवन निर्माण का निरीक्षण करते हुए गुणवत्ता हिन कार्य को देखते हुए उस समय के तत्कालीन परियोजना अधिकारी सतीश शर्मा और ठेकेदार को फटकार लगाई थी लेकिन उसके बावजूद भी तत्कालीन अधिकारियों ने ठेकेदार को भ्रष्टाचार का बढ़ावा देते हुए इस भवन का निर्माण पूर्ण कर दिया गया और इसमें स्कूल भी लगने लगी और आज हालात यह है कि स्कूल भवन के अंदर का हिस्सा जिसमें दीवारों का क्रेक होना साथ ही फर्श उखड़ना और धस जाना भी देखा जा रहा है हालांकि पीआईयु
के अधिकारियों द्वारा स्कूल भवन का निरीक्षण करना भी और संबंधित ठेकेदार पर कार्यवाही करना भी उचित नहीं समझा जा रहा है वही जब इस मामले पर ठेकेदार एश्वर्य राठी से हमारे संवादाता से दुरभाष पर जानकारी ली गई तो बड़ी ही चोकाने वाली बात ठेकेदार कहते नजर आए की काली मिट्टी वाली भूमि पर भवन बना है और इसकी वजह से टाइल्स धंस रही है दवार सिमिन्ट का ट्रक टकराने से आए है हमे विभाग द्वारा निर्देश दिए गए है शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले हम भवन रिपेयर कर देंगे हमारी पाँच वर्षों तक रिपेरिग ओर किसी भी प्रकार्र की खामियों को सुधारने की जवाबदारी है 10 दिनों में हम भवन रिपेयर कर देंगे हमारे पार्टनर निरीक्षण करने गए थे
अब सवाल यह उठता है कि जब स्कूल के भवन का निर्माण किया गया था तो उस समय काली मिट्टी की जमीन होने के कारण सही फीलिंग याने मुरुम की सही दबाई नही की गई थी जिसके परिणाम आज देखने को मिल रहे है और फर्श धसने लगी है या फिर मामला कुछ और ही है क्योंकि इसी भवन के पास ओर भी स्कूल और छात्रावास के भवन भी है जिनकी गुणवत्ता पर कोई प्रश्नचिन्ह नही लगा और किसी प्रकार इनकी टाइल्ड नही धसी
सवाल नंबर 02 दीवारो में क्रेक दिखाई दे रहे है और तो ओर जिन दीवारों को आपस मे जोड़ कर खड़ा किया गया था उनके ज्वाइंट काटे ही नही गए थे और बस चार इंच की दीवार खड़ी कर दी गई थी जो आज अपनी जगह छोड़ती नजर आ रही है
वही निर्माण के दौरान सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया गया होता और इस प्रकार के घटिया निर्माण पर रोक लगाई जाती तो शायद यह एक करोड़ रुपयों की लागत से बनी कन्या शाला का यह भवन अपनी दुर्दशा ओर भ्र्ष्टाचार की कहानी अपनी जुबानी दर्शाता नजर नही आता
पुनासा की सरकारी कन्या उच्च स्तरीय माध्यमिक विद्यालय पुनासा का स्कूल भवन 3 वर्ष पहले एक करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ था लेकिन दादाजी क्रिकेटर्स एन्ड सप्लायर खण्डवा नामक फर्म द्वारा बनाए गए इस भवन में 3 वर्ष के भीतर ही भवन की इमारत जर्जर हो गई है हालत यह है कि कक्षाओं से लेकर शौचालय तक की दीवारों में दरार आ गई है कक्षाओं के फर्श का उखड़ना भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है सबसे अहम बात तो यह है कि भवन निर्माण करता द्वारा भवन निर्माण के बाद हैंडओवर भी कर दिया गया और सम्बंधित विभाग द्वारा बिना गुणवत्त्ता जांच किए अपने अधीन कर लिया गया ओर ना तो अधिकारियों के द्वारा भवन बनने के बाद से आज तक सुध ली गई और ना ठेकेदार द्वारा इन तीन वर्षों में किसी भी प्रकार् भवन की सुध ली गई
सवाल न 01 घटिया निर्माण कार्य की वजह से कन्या स्कूल भवन की दीवारों में दरार आ गई फर्श धंस गया और उखड़ रहा है वही इस भवन का लोकार्पण 23 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था भवन निर्माण के समय ही तत्कालीन कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने भी भवन निर्माण का निरीक्षण करते हुए गुणवत्ता हिन कार्य को देखते हुए उस समय के तत्कालीन परियोजना अधिकारी सतीश शर्मा और ठेकेदार को फटकार लगाई थी लेकिन उसके बावजूद भी तत्कालीन अधिकारियों ने ठेकेदार को भ्रष्टाचार का बढ़ावा देते हुए इस भवन का निर्माण पूर्ण कर दिया गया और इसमें स्कूल भी लगने लगी और आज हालात यह है कि स्कूल भवन के अंदर का हिस्सा जिसमें दीवारों का क्रेक होना साथ ही फर्श उखड़ना और धस जाना भी देखा जा रहा है हालांकि पीआईयु
के अधिकारियों द्वारा स्कूल भवन का निरीक्षण करना भी और संबंधित ठेकेदार पर कार्यवाही करना भी उचित नहीं समझा जा रहा है वही जब इस मामले पर ठेकेदार एश्वर्य राठी से हमारे संवादाता से दुरभाष पर जानकारी ली गई तो बड़ी ही चोकाने वाली बात ठेकेदार कहते नजर आए की काली मिट्टी वाली भूमि पर भवन बना है और इसकी वजह से टाइल्स धंस रही है दवार सिमिन्ट का ट्रक टकराने से आए है हमे विभाग द्वारा निर्देश दिए गए है शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले हम भवन रिपेयर कर देंगे हमारी पाँच वर्षों तक रिपेरिग ओर किसी भी प्रकार्र की खामियों को सुधारने की जवाबदारी है 10 दिनों में हम भवन रिपेयर कर देंगे हमारे पार्टनर निरीक्षण करने गए थे
अब सवाल यह उठता है कि जब स्कूल के भवन का निर्माण किया गया था तो उस समय काली मिट्टी की जमीन होने के कारण सही फीलिंग याने मुरुम की सही दबाई नही की गई थी जिसके परिणाम आज देखने को मिल रहे है और फर्श धसने लगी है या फिर मामला कुछ और ही है क्योंकि इसी भवन के पास ओर भी स्कूल और छात्रावास के भवन भी है जिनकी गुणवत्ता पर कोई प्रश्नचिन्ह नही लगा और किसी प्रकार इनकी टाइल्ड नही धसी
सवाल नंबर 02 दीवारो में क्रेक दिखाई दे रहे है और तो ओर जिन दीवारों को आपस मे जोड़ कर खड़ा किया गया था उनके ज्वाइंट काटे ही नही गए थे और बस चार इंच की दीवार खड़ी कर दी गई थी जो आज अपनी जगह छोड़ती नजर आ रही है
वही निर्माण के दौरान सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया गया होता और इस प्रकार के घटिया निर्माण पर रोक लगाई जाती तो शायद यह एक करोड़ रुपयों की लागत से बनी कन्या शाला का यह भवन अपनी दुर्दशा ओर भ्र्ष्टाचार की कहानी अपनी जुबानी दर्शाता नजर नही आता |