बदहाल स्कूल में कैसे जले शिक्षा की ज्योति

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बेटमा,मप्र

बदहाल स्कूल में कैसे जले शिक्षा की ज्योति?   

परिसर में भरा पानी… कौन करे निगरानी?

छात्रों पर टपकती…आफत की बूंदे !   

ज्ञान के मंदिर में…बारिश की गंगा!

गुरुजी की संख्या कम…विषयों की पढ़ाई बेदम!   

जिम्मेदारों के वादे…वादे हैं,वादों का क्या ?

आज इस कार्यक्रम में हम बात करेंगे बेटमा के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की… 100 साल पुराने इस विद्यालय की दीवारें बूढी हो गई…छत जर्जर हो गया है…और छात्रों के उपर बारिश की बूंदे टपकने लगी है… साथ ही गुरुजी की कमी विषयों की पढ़ाई को प्रभावित करती है…लेकिन जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं…क्यों जानने की कोशिश करेंगे इस कार्यक्रम में तो आइए शुरु करते हैं… जन मुददा…

मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार दावे… और वादे कर रही है… लेकिन हालात हैं कि सुधरते नहीं… बात हो रही है देपालपुर विधानसभा के बेटमा नगर के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेटमा की… कहने को स्कूल 100 वर्ष से अधिक पुराना है… इस स्कूल से पढ़कर कई बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, अधिकारी और नेता बने… पर जिस स्कूल ने इतने बच्चों के भविष्य संवारे… आज उसी स्कूल का भविष्य अंधकार में है… कहने को नगर पालिका स्वच्छता अभियान चलाती है… पर कभी स्कूल परिसर में एक झाड़ू नहीं चलाई होगी…इस स्कूल में स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं… बेटमा और आस- पास के ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 700 बच्चे यहां पर अध्ययन करते हैं… पर स्कूल परिसर में बरसात का पानी जमा है… जिससे स्कूल कम तालाब ज्यादा लगता है… स्कूल परिसर में गंदा पानी भरा होने से यह अध्ययन कर रहे छोटे-छोटे बच्चे के स्वास्थ्य पर भी असर हो रहा है… और उन्हें मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू जैसी बीमारियां होने का भी डर लगा रहता है… स्कूल में करीब 10 टीचरों की कमी है… जिससे कि इंग्लिश, कॉमर्स, इतिहास, जीव विज्ञान इन विषय को पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी से शैक्षणिक गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है.. स्कूल में ना ही खेल का मैदान है… और ना ही खेल टीचर… जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में खेल प्रतिभाएं धीरे-धीरे खत्म हो रही है … स्कूल के कई भवन जर्जर हो चुके हैं… दीवारों और छत से पानी रिसाव करता है… और शौचालय की भी दुर्दशा झेल रहा है… लेकिन जिम्मेदार सिर्फ वादे कर रहे हैं… पूरा नहीं कर रहे हैं… बीजेपी हो या कांग्रेस पार्टी के क्षेत्रीय विधायक… वह सिर्फ घोषणा कर देते हैं… और घोषणा वीर बन कर रह जाते हैं… बीजेपी से विधायक रहते हुए मनोज निर्भय सिंह पटेल ने स्कूल के लिए कई घोषणा की… लेकिन वह सिर्फ घोषणा बन कर रह गई… उसी प्रकार वर्तमान कांग्रेस विधायक विशाल जगदीश पटेल… ने भी स्कूल परिसर में पेपर ब्लॉक लगवाने की घोषणा की… पर वह घोषणा सिर्फ घोषणा ही रह गई…