15 साल बाद बनी थी कमलनाथ की सरकार, भारी पड़ी थी कांग्रेस को सिंधिया की नाराजगी | DEBATE |
फिर ताजा हुए कांग्रेसियों के जख्म
बीजेपी में गए विधायकों पर बोले कमलनाथ
‘मैं नहीं करता खरीद—फरोख्त’
‘खरीद फरोख्त करता तो बनी रहती सरकार’
15 साल बाद बनी थी कमलनाथ की सरकार
15 महीने में हो गई थी धराशाही
भारी पड़ी थी कांग्रेस को सिंधिया की नाराजगी
मध्यप्रदेश में आने वाले साल में विधानसभा के चुनाव होना हैं…जिसे लेकर बीजेपी कांग्रेस दोनों ही दल की तैयारियां तेज हो गई है…आरोप प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है…इस बीच कांग्रेस अब भी खरीद फरोख्त को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है…पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा अगर वे खरीद फरोख्त करते तो एमपी में कांग्रेस की ही सरकार रहती…इसी पर बयानबाजी तेज हो गई है..
15 साल बाद मध्यप्रदेश में बनी कांग्रेस की सरकार महज 15 महीने में ही सत्ताविहीन हो गई थी। जिसके बाद इस राजनीतिक उलटफेर के लिए तब कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को ही जिम्मेदार माना गया। पार्टी से बागी हुए नेता कमलनाथ को कोसते रहे। इसके साथ ही बीजेपी भी लगातार पूर्व सीएम कमलनाथ के नेतृत्व क्षमता पर सवालिया निशान लगाती रही थी.. पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा प्रदेश में अपनी सरकार बचाने के लिए पार्टी खरीद-फरोख्त की राजनीति नहीं करना चाहती थी…बीजेपी में गए विधायकों का कांग्रेस से संपर्क को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा वे खरीद फरोख्त में नहीं रहते….अगर ऐसा करना होता तो एमपी में कांग्रेस ही सरकार रहती…बता दें एक दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने भी विधायकों के संपर्क में होने का बयान दिया था…
बीजेपी में गए विधायकों का कांग्रेस से संपर्क को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा वे खरीद फरोख्त में नहीं रहते…अगर ऐसा करना होता तो मप्र में कांग्रेस की ही सरकार रहती..
वहीं बीजेपी खरीद फरोख्त के आरोप को दरकिनार करते हुए लगातार कांग्रेस और कमलनाथ पर पलटवार करती रही है..
कभी सौदेबाजी की सरकार कहा तो कभी बिके हुए नेताओं की..कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और उनकी पार्टी के नेता 15 साल बाद सत्ता में आए और 15 महीने में मंसूबे ताश के महल की तरह धराशाही हो गए…कहते हैं सांप निकलने के बाद लकीर पीटने से कोई लाभ नहीं रहते…आने वाले साल में विधानसभा के चुनाव होना है…ऐसे में कांग्रेस को पिछला दर्द भूलकर आगे की तैयारी में जुटना चाहिए..इसी में उसकी भलाई है..