अन्नदाता घंटों कर रहे इंतजार, फिर भी लौटना पड़ रहा खाली हाथ | DEBATE |

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अन्नदाता घंटों कर रहे इंतजार, फिर भी लौटना पड़ रहा खाली हाथ | DEBATE |

https://youtu.be/DUJGf7kcbRA

किसानों के सामने खाद संकट

अन्नदाता घंटों कर रहे इंतजार

फिर भी लौटना पड़ रहा खाली हाथ

सड़क पर ​उतरने को मजबूर अन्नदाता

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का बड़ा बयान

एमपी में चरम पर भ्रष्टाचार

‘किसान खाद के लिए तोड़ रहे दम’

बोले सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया

‘प्रदेश में खाद की पर्याप्त व्यवस्था’

‘खाद की व्यवस्था कर रही सरकार’

‘अच्छी बारिश से बढ़ी खाद की मांग’

एमपी में इन दिनों किसान खेत के बजाए साहूकार की दुकान के सामने खड़ा है…क्योंकि सहकारी समिति से उसे खाद नहीं मिल रही है…बोहनी का समय चल रहा है ऐसे में जहां किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ रहा है…वहीं चुनाव सामने हैं तो किसानों के मसले पर सियासी बयानबाजी भी हो रही है…चुनाव सामने हैं…किस तरह सियासी पार्टियां किसानों की हितैषी बन रहीं हैं.

मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में इन दिनों खाद का संकट गहराया हुआ है…खासकर यूरिया और डीएपी को लेकर आपूर्ति एक बड़ा सवाल बन रहा है… वहीं इसका खामियाजा अन्नदाता को भुगतना पड़ रहा है… क्योंकि खाद का इंतजार करती ज्वार और बाजरा की फसल खेतों में खड़ी है… अन्नदाता खाद लेने के लिए लाइन में खड़ा है… इसके बावजूद भी प्रशासन ने किसानों को एक तरह के चक्रव्यू में खाद के लिए डाल दिया है…सोयाबीन की बर्बाद फसल से परेशान किसान अब अन्य फसलें लेने की तैयारी में जुटा हुआ है, ऐसे में उसे डीएपी खाद यूरिया की जरूरत है, जो उपलब्ध नहीं हो रही है आए दिन वेयरहाउस के सामने लाइन लगाकर खाली हाथ वापस लौट रहे किसानों के सब्र का बांध अब टूट गया…प्रदेश के कई हिस्सों में किसानों ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर है…

ऐसे में कांग्रेस को चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा मिल गया है..मध्य प्रदेश सरकार पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि किसाने बजाए साहूकारों को खाद दी जा रही है…

किसान खाद के लिए परेशान है …लाइन में लगा हुआ किसान मर रहा है लेकिन… किसानों को खाद तक नहीं मिल रही है…  

मप्र में खाद को लेकर सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने विपक्ष के आरोप को दरकिनान करते हुए कहा प्रदेश में खाद की पूरी व्यवस्था सभी किसानों के खाद की व्यवस्था सरकार करेगा कमलनाथ की सरकार की वजह से बड़ी संख्या में किसान डिफाल्टर हुए कमलनाथ ने कर्ज माफी की घोषणा कर कॉपरेटिव सोसायटियों पर डाला दिया… डिफाल्टर किसानों को नगद खाद देने की व्यवस्था की सेल्स काउंटर बढ़ाये जा रहे हैं..दरअसल अच्छी बारिश की वजह से प्रदेश में खाद की मांग बढ़ गई है…

इस समय किसान सबसे ज्यादा परेशान है…एक और वह धान कटाई और निकलवाने में व्यस्त है तो दूसरी ओर रबी सीजन की फसलें गेहूं चना, मसूर की तैयारी करने में लगा है … इन फसलों के उत्पादन के लिए खाद की सख्त आवश्यकता है… लेकिन सोसायटियों पर पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है…मिल रहा है तो बस झूठा आश्वासन..और सियासी वादे.