6 माह पहले जारी होगा वचन-पत्र
कांग्रेस ने की वचनपत्र जारी करने की तैयारी
जिला स्तर पर तैयार हो रहे वचन पत्र
मिशन 2023 के लिए पहले वचन
डेली मुलाकातों में मिले आवेदन
आवेदनों में से मुद्दे खोज रही कांग्रेस
पीसीसी में रही आवेदनों की स्क्रूटनी
सरकारी कर्मचारियों की समस्याआएं
किसानों की मांग को भी देंगे तरजीह
वचन पत्र पर बीजेपी ने घेरा
कमलनाथ को जारी करें खेद पत्र—डॉ.नरोत्तम मिश्रा
मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा के चुनाव होना है…और ऐसे में अब कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं…इसे लेकर पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ लगातार अलग-अलग जिलों की बैठकें ले रहे हैं….और तमाम दिशा निर्देश दे रहे हैं…साथ ही इस बार कांग्रेस विधानसभावार अपना वचन पत्र बनाने की तैयारी में है..वहीं कांग्रेस के बनने वाले वचन पत्र के पहले ही बीजेपी ने उस पर सवाल खड़े कर दिए हैं…देखिए पूरी रिपोर्ट…
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे…कहीं ना कहीं कांग्रेस के वचन पत्र के वादों के चलते ही जनता ने कांग्रेस को सत्ता की चाबी सौंपी थी…हालांकि 2020 में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और चौथी बार शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने थे…वहीं इस बार भी कांग्रेस वचन पत्र के सहारे सत्ता में काबिज होना चाहती है…इसी को लेकर अब कांग्रेस विधानसभा वार अपना वचन पत्र बनाने की तैयारी में है…साथ ही बीजेपी की नाकामियों को भी सामने लाने के लिए कांग्रेस पूरी तैयारी में है…अप्रैल में राजेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में वचन पत्र समिति बनाई जा चुकी है…इसकी तीन बैठकें भी हो चुकी है। इस कमेटी में बाला बच्चन को संयोजक बनाया गया है…जिसे लेकर पार्टी नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं को भी जमीनी स्तर पर हकीकत बताने की जिम्मेदारी दी जा रही है…कांग्रेस द्वारा तैयार कराए जा रहे वचन पत्र को लेकर बीजेपी ने हमला बोला है… गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कमलनाथ को खेद पत्र जारी करना चाहिए…उन्होंने किसानों से कर्जमाफी का वादा किया था.. युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा किया था …इसके लिए उन्हें खेद पत्र जारी करना चाहिए। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कांग्रेस को नया वचन पत्र तैयार करने की जरूरत नहीं हैं सिर्फ तारीख बदल दें तो भी चल जाएगा।
2023 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के बनने वाले वचन पत्र को लेकर बीजेपी ने सवाल खड़े कर दिए हैं…बीजेपी का कहना है कि 2018 के वचन पत्र को कमलनाथ सरकार पूरा नहीं कर पाई…इसके लिए पहले कमलनाथ को खेद पत्र जारी करना चाहिए और नए वचन पत्र की जरूरत नहीं है…पुराने की ही तारीख बदल दें…
अब देखना होगा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से कांग्रेस वचन पत्र के सहारे सत्ता में काबिज हुई थी इस बार के वचन पत्र के वादे जनता में कितना प्रभाव डालते हैं…