शिक्षकों की कमी बच्चों के भविष्य पर भारी, चपरासी भरोसे विद्यार्थियों की शिक्षा | JAN MUDDA |
शिक्षकों की कमी,बच्चों के भविष्य पर भारी
चपरासी भरोसे विद्यार्थियों की शिक्षा
लगातार गिर रहा शिक्षा का स्तर
पुल पर खेलकूद करते बच्चे
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
ग्रामीणों ने लगाई प्रशासन से गुहार
भरतपुर विकासखण्ड के ग्राम बरौता में संचालित स्कूल चपरासी के भरोसे चल रहा है.. बता दें कि माध्यमिक शाला बरौता के शिक्षक अपने मनमर्जी पर उतारू है…यहां पदस्थ शिक्षक अपने मर्जी से स्कूल आते हैं… स्कूल की शिक्षा व्यवस्था का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि… स्कूल में बच्चों को कितनी उच्च दर्जे की शिक्षा मिल रही होगी… इधर, ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई और भविष्य को लेकर प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं..क्या है पूरा माजरा करेंगे चर्चा, जनमुद्दे में…
भरतपुर में स्कूल की शिक्षा व्यवस्था काफी लचर है..बता दें कि माध्यमिक शाला बरौता के शिक्षक अपने मनमर्जी पर उतारू है और यह विद्यालय चपरासी के भरोसे चल रहा है। यहां पदस्थ शिक्षक अपने मर्जी से स्कूल आते हैं..और कई दिन गायब रहते हैं। शिक्षक के ना रहने पर चपरासी स्कूल का संचालन कर रहा है। यही वजह है ऐसे लापरवाह शिक्षकों के चलते विकासखंड भरतपुर में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। यहां की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। इस स्कूल में 41 बच्चे अध्ययनरत है। शिक्षक के द्वारा संकुल में भी कोई सूचना नही दी जाती है। शिक्षक के स्कूल में उपस्थित नही रहने के कारण बच्चे स्कूल के पीछे नाले में जा कर खेलते हैं। अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसका ज़िम्मेदार कौन होगा। विकासखंड भरतपुर मे ऐसे कई स्कूल है जहां शिक्षको की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विगत दो सत्र से स्कूल बंद रहने के बाद अब स्कूल खुला भी तो बिना शिक्षक के। अब ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई और भविष्य को लेकर प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं।