आज पीएम मोदी ने ‘नो मनी फॉर टेरर’ अंतरराष्ट्रीय मंत्रीस्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन किया… यह सम्मेलन 3 साल पहले आस्ट्रेलिया में आयोजित हुआ था… जिसके बाद कोरोना के कारण यह सम्मेलन स्थगित था… कोरना के बाद भारत में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है… जिसमें करीब 75 देश के मंत्री शामिल हो रहे हैं… इस सम्मेलन में पाक और अफगानिस्तान सम्मिलित नहीं हो रहे हैं… तो आइए शुरु करते हैं.. ‘नो मनी फॉर टेरर’ …
आतंक पर अटैक के लिए अंतरराष्ट्रीय मंत्रीस्तरीय सम्मेलन भारत में शुरु हो चुका है… इस सम्मेलन में ‘नो मनी फॉर टेरर’ पर जम कर चर्चा हो रही है… इसका उद्दघाटन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा…कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे… एक रिपोर्ट देखिए… फिर चर्चा भी करेंगे…
आतंकी फंडिंग के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘नो मनी फॉर टेरर’ अंतरराष्ट्रीय मंत्रीस्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन किया… इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे… इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह बड़ी बात है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है… उन्होंने कहा, दशकों तक हमारे देश को आतंकवाद ने चोट पहुंचाने की कोशिश की… लेकिन हमने बहादुरी से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी… प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता…
आतंकवाद मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला है… यह किसी भी देश की सीमा को नहीं पहचानता है… अगर आतंकवाद को हराना है तो हमें एकजुटता और शून्य-सहनशीलता का दृष्टिकोण अपनाना होगा… यह सभी जानते हैं कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से धन प्राप्त होता है… इसका एक स्रोत किसी एक देश का समर्थन भी है… कुछ देश अपनी विदेश नीतियों के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं… वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं… आतंकी फंडिंग के स्रोतों में से एक संगठित अपराध है… इसे अलग-थलग करके नहीं देखा जाना चाहिए… इन गिरोहों के अक्सर आतंकी संगठनों से गहरे संबंध होते हैं…
भारत में हुए 10 बड़े आतंकी हमले
26/11 मुंबई आतंकी हमला
166 लोग मारे गए और 293 लोग घायल
1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
257 की मौत, 700 से ज्यादा घायल
2001 भारतीय संसद पर हमला
6 पुलिसकर्मी और संसद भवन के 3 कर्मचारी शहीद
2002 अक्षरधाम मंदिर पर हमला
31 लोगों की मौत, 80 लोग घायल
2005 दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट
63 की मौत,200 घायल
2006 मुंबई ट्रेन धमाके
210 की मौत,700 से ज्यादा घायल
2007 समझौता एक्सप्रेस विस्फोट
68की मौत,दर्जनों घायल
2007 अजमेर दरगाह धमाका–
3 की मौत,15 घायल
2008 जयपुर धमाके
63 की मौत,200 घायल
2008 असम में धमाके
81 की मौत,450 घायल
11 सितंबर 2001 का वो हमला, जब अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया दहल उठी थी. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को अल कायदा ने 9/11 के विमान हमले ने हक्का-बक्का कर दिया था. इस हमले में 102 मिनट में 2763 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जब अल-कायदा के 19 आतंकियों ने 11 सितंबर की सुबह चार विमानों को हाईजैक कर लिया था. इन आतंकियों का मकसद था सभी विमानों को अलग-अलग जगह पर क्रेश करना.
यजीदी समुदाय पर 2 टन विस्फोटक से हमला
इराक में 14 अगस्त 2007 में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें एक कार का इस्तेमाल किया गया था. इस हमले में करीब 756 लोगों की मौत हुई और 1,500 से ज्यादा लोग घायल हुए. इस हमले में यजीदी समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया था. तीन कारों में दो टन विस्फोटक भरकर उसे इमारत से टकरा दिया.
कनिष्क विमान हमला
आज भी इस हमले के जख्म हरे हैं. वो दिन जब एअर इंडिया की फ्लाइट 182 ने 22 जून 1985 को कनाडा के मॉन्ट्रियल एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी लेकिन, फ्लाइट लैंड न हो सकी 23 जून को आयरिश हवाई क्षेत्र में आसमान में विमान ब्लास्ट होकर अटलांटिक महासागर में जा गिर. इस विमान में कुल 22 क्रू मेंबर और 307 यात्री सवार थे. भारत ने पहले ही इस हमले को लेकर अलर्ट कर दिया था लेकिन, कनाडा की सिक्युरिटी एजेंसियों की चूक के कारण हमला रोका न जा सका और आतंकी प्लेन में बम रखने में कामयाब रहे.
बेसलान स्कूल हत्याकांड
आतंकवाद न तो कभी मजहब देखता है, न ही अमीर-गरीब और न बच्चे-बूढ़े. सितंबर 2004 को रूस के बेसलान स्कूल में हुए आतंकी हमले में कई मासूमों की जान गई. किसने सोचा था बच्चों को स्कूल भेजना उनकी मौत को न्यौता देने का काम करेगा जब नकाबपोश महिलाएं और पुरुष विस्फोटक बेल्ट पहनकर स्कूल में घुस आएंगे और 1000 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लेंगे. तीन दिन चले इस घटनाक्रम में कुल 330 लोगों की जान गई, जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल थे.
दुनिया में हुए बड़े आतंकी हमले
26/11 मुंबई हमला
उस रात को एकाएक मुंबई गोलियों की आवाज से दहल उठा था. मुंबई के दो पांच सितारा होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया गया था. इस रात मौत का तांडव हुआ था, हर जगह चीख-पुकार, अंधाधुंध गोलियों की आवाज. लियोपोल्ड कैफे से शुरू हुआ यह हमला ताज होटल पर जाकर खत्म हुआ लेकिन, शुरू होने और खत्म होने के बीच की दर्दनाक घटना में 166 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए. यह इतिहास का सबसे भयावह हमला था