सड़क पर उतरे अन्नदाता
सीएम ने दिया मंच से आश्वासन
‘सरकार किसानों की है’
‘किसान जो कहेंगे, हम सुनेंगे’
‘किसानों की समस्या का हल करेंगे’
‘किसानों की सहमति से होगी जमीन अधिगृहित’
‘कांग्रेस की कर्ज माफी ने बनाया किसानों को डिफाल्टर’
‘बीजेपी सरकार भरेगी किसानों के कर्ज का ब्याज’
‘अगले बजट में किसान पंप योजना का अनुदान’
‘गन्ना किसानों को दिलायंगे बकाया राशि’
‘जल्द बदल जाएंगे जले हुए ट्रांसफार्मर’
कोरोना काल में जब सब-कुछ बंद था…तब भी किसान खेती कर रहे थे…ताकि देश में अन्न का संकट न हो…इसके बाद भी किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है… अलग अलग चीजों पर टैक्स लिया जा रहा है…किसान सम्मान निधि अच्छी पहल है.. लेकिन इसमें वृद्धि नहीं हुई है… खाद का अनुदान कंपनियों को देने की जगह सीधे किसानों को खाते में दी जाए…इन मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ भोपाल में एमवीएम कॉलेज के मैदान पर जुटे…इसमें में प्रदेशभर से किसान संघ से जुड़े हजारों किसान पहुंचे हैं…हालांकि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के बीच पहुंचकर उनकी मांगे सुनीं..और आश्वासन दिया…लेकिन सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है…किस तरह बयानबाजी हो रही है…देखीए एक रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के किसान भोपाल में जुटे…यहां किसान नेताओं ने एक बार फिर विधानसभा का 7 दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की…उनकी मांग है कि इसमें सिर्फ खेती-किसानी से जुड़े मुद्दे और समस्याओं पर ही चर्चा हो। किसान संघ के प्रोग्राम में आईडीए यानी इंदौर विकास प्राधिकरण को भंग किया जाए…उन्होंने कई मांगे सरकार के सामने रखी और चेतावनी दी कि मांग पूरी नहीं हुई तो अगले आंदोलन में प्रदेशभर से महिलाएं भी जुटेंगी.. सरकार के मंत्री और विधायकों को चूड़ियां सौंपी जाएंगी…किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष आंजना ने कहा किसानों की समस्याओं के लिए राजनेता और अधिकारी दोनों जिम्मेदार हैं। अधिकारियों को ये नहीं पता कि आलू जमीन के नीचे लगता है या ऊपर। सरकार कलेक्टर, एसडीएम को गांवों में भेजे। कलेक्टर गांव में जब तक रुकेंगे नहीं, समस्या हल नहीं होगी।
आंदोलनकारी अन्नदाताओं के बीच स्वयं सीएम शिवराज सिंह चौहान पहुंचे…मंच पर CM के सामने ही किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनिमोहन मिश्रा ने कहा… सरकारी सिस्टम नहीं सुधरा तो तहसील ऑफिस का घेराव करेंगे…वहीं सीएम शिवराज ने किसान आंदोलन पर कहा सरकार किसानों की है… किसान जो कहेंगे…हम सुनेंगे… समस्या का हल करेंगे। सीएम शिवराज ने कहा कि किसानों की सहमति से ही उसकी जमीन अधिगृहित होगी। कांग्रेस कर कर्ज माफी के कारण डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज बीजेपी सरकार भरेगी…सीएम ने कहा किसान पंप योजना का अनुदान अगले बजट में आ जाएगा… गन्ना किसानों का बकाया मिल मालिकों से वापस कराएंगे… जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदला जाएगा…
राजधानी भोपाल में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसान जुटे.. एमवीएम ग्राउंड पर किसान संगठन के पदाधिकारियों ने कहा लंबे समय से पूरी नहीं हुई मांगों को पूरा करने की सरकार से मांग कर रहे हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि किसानों की समस्या उत्पन्न होने का कारण राजनेता है। यह प्रशासनिक अधिकारी है। जो चेंबर में बैठ कर योजना बनाते है। उनको यह ही पता नहीं होता कि आलू जमीन में लगता है या ऊपर लगता है। यह ऐसे अधिकारी है। एक बार भयंकर अतिवृष्टि हुई है। मालवा के अंदर एक गांव में एक चीफ सेक्रेटरी निरीक्षण करने पहुंचे। सभी कलेक्टर अपने अपने क्षेत्र में जा रहे थे। वहां चीफ सेक्रेटरी को फसल दिखाई। उस समय सोयाबीन का समय था। चीफ सेक्रेटरी ने लोगों से पूछा क्या है ये। वहां बैठे महिला और पुरुष ने कहा कि दादा सोयाबीन है। वहां लोगों ने पटवारी और अन्य अधिकारियों से कहा कि चीफ सेक्रेटरी को क्यों लाए। कलेक्टर को लाते तो पता चलता कि यह कौन सी फसल है। मेरे देश का किसान कलेक्टर को जानता है वह चीफ सेक्रेटरी को नहीं जानता। भारतीय किसान संघ की मांग है कि सरकार किसानों से संबंधित विषयों पर चर्चा के लिए विधानसभा का सात दिवासीय विशेष सत्र बुलाए। फसल नुकसान की भरपाई के लिए भावांतर, मुआवाजा दें, डिफॉल्टर किसानों को ब्याज माफ कर खाद-बीज दिए जाए। मुख्यमंत्री कृषि पंप अनुदान योजना जल्द चालू हो। बिजली समस्या समाधान कैम्प लगाकर किसानों की समस्याएं दूर की जाए। इसके अलावा प्रदेश के सभी गोपालक किसानों को 900 रुपए प्रति माह दिया जाए। योजनाओं के नाम पर किसानों के साथ होने वाली लूट बंद हो सके। राजस्व के प्रकरणों का पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर शीघ्र निराकरण किया जाए। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से किसानों की मांगों का निराकरण नहीं हुआ है। इसलिए अब किसान मैदान में उतरेगा।