विकास की आस में ग्रामीण, करेला का कड़वा विकास | JAN MUDDA |

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विकास की आस में ग्रामीण!

कागजों पर सिमटा विकास!

करेला का कड़वा विकास!

मुख्य मार्ग से टूटा संपर्क

इलाज के आभाव में कईयों ने तोड़ा दम!

विकास की आस लगाए बैठी जनता बदहाली के आसूं बहाने को मजबूर है…और जिम्मेदार कार्यालय में बैठकर विकास के नाम पर मोटी कमाई कर रहे है… वैसे विकास की बातें तो खुब हो रही हैं लेकिन सिर्फ कागजों पर लेटा ही नज़र आता है…कुछ ऐसा ही हाल विदिशा का है…जहां विदिशा की ग्राम पंचायत करेला के परासी खुर्द में जनता विकास की आस लगाए तो बैठी है… और विकास है कि गहरी निद्रा में सोया पड़ा है… करेला का कड़वा विकास!  

विदिशा की ग्राम पंचायत करेला के परासी खुर्द के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित है…बतादें की गांव तक जाने के लिए ग्रामीणों के पास कोई रास्ता नहीं है…उन्हें इन खेतों के बीच से होकर गांव तक जाना होता है… बताया जाता है की करीब 40साल पहले सरकार ने इन ग्रामीणों को रहने के लिए पट्टे दिए थे.. .तब से लेकर आज तक ये ग्रामीण उसी जगह निवास कर रहे है… लेकिन जैसे-जैसे शहर का विकास होता गया…गांव पिछड़ता गया…और अब कुछ किसानों ने गांव के रास्ते में अपने खेत बना लिए.. जिस वजह से ग्रामीणों का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया… ग्रामीणों ने ये भी बताया की बारिश के समय में यहां की परेशानियां और बड़ जाती है…बच्चे स्कूल नहीं जा पाते…जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है…गांव का शहर से संपर्क पूरी तरह से टूट जाता है…तो वहीं महिलाओं को डिलेवरी भी गांव में ही करानी पड़ती है…यहां तक की कई लोगों ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया… कई बार ग्रामीणों ने जिम्मेदारों से शिकायत भी की..लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई…हाल ही में सभी ग्रामीणों ने इकठ्ठा होकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा…और एक बार फिर अपनी समस्याएं बताई…लेकिन इस बार फिर से आश्वासन के आलावा ग्रामीणों के हाथ और कुछ नहीं लगा…तहसीलदार का इस पूरे मामले पर कहना है की जांच कर कार्रवाई की जाएगी…