क्या छत्तीसगढ़ में किसान बन रहा वोट बैंक, क्या आरक्षण हो सकता है गेम चेंजर मुद्दा | DEBATE |

देश मुख्य पृष्ठ राजनैतिक

कौन सा मुद्दा चुनाव में डालेगा असर

क्या छत्तीसगढ़ में किसान बन रहा वोट बैंक?

पिछले चुनाव में गेम चेंजर रह चुका हैं किसान

चुनाव जीतने के लिए बड़ा चुनावी मुद्दा

धर्मांतरण रह सकता है ट्राइबल इलाकों में बड़ा मुद्दा

क्या आरक्षण हो सकता है गेम चेंजर मुद्दा?

छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं… कांग्रेस सत्ता में बनी रहने के लिए अपने सभी विधायकों को ग्राउंड में उतार रही है…दूसरी तरफ बीजेपी फिर से सत्ता की कुर्सी पाने के लिए ग्राउंड में कांग्रेस को घेरना चाहती है…लेकिन आखिर वो क्या मुद्दा होगा जो मैदान से सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने का रास्ता बनेगी… चलिए आज हम विशेष कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े चुनावी मुद्दे को जानते हैं…

इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है… चुनाव से पहले के स्थिति में कांग्रेस प्रदेश में मजबूत नजर आ रही है… क्योंकि राज्य में पिछले 4 साल में हुए 5 उपचुनाव में कांग्रेस को ही जीत मिली है… और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा…इससे कांग्रेस का कॉन्फिडेंस बढ़ा हुआ है…कांग्रेस की भूपेश सरकार ने प्रदेश में किसानों को लेकर कई योजनाएं चलाईं…किसानों का वोट हासिल करने के लिए किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भूपेश सरकार का फोकस रहा…छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के जरिए किसान सीमांत किसान और भूमिहीन किसानों पर फोकस किये हुए है…इसके अलावा कर्ज माफी,स्थाई पंप कनेक्शन,हाफ बिजली बिल योजना और सिंचाई कर्जमाफी योजना के जरिए किसानों को हजारों करोड़ों की राहत देने का दावा कांग्रेस कर रही है |

वहीं बीजेपी ने भी पूरी ताकत से लड़ने का मन बना लिया है…जिससे कांग्रेस के लिए ये सफर आसान नहीं होगा… क्योंकि बीजेपी बढ़ते अपराध को लेकर बिलासपुर में  पिछले साल बड़ा आंदोलन कर चुकी है…इसके साथ बेरोजगारी भत्ता के लिए रायपुर में बड़ी रैली की गई ..और अब पीएम आवास और कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले में प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं…

छत्तीसगढ़ में अबतक धर्मांतरण के मुद्दे पर बीजेपी आक्रामक मोड में है…. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि धर्मांतरण का मुद्दा ट्राइबल इलाकों में ही है. मैदानी इलाकों में इसका असर बहुत कम है. लेकिन पूरे प्रदेश में आरक्षण का विवाद सबसे बड़ा मुद्दा हो सकता है.  19 सितंबर 2022 में हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को रद्द कर दिया… इससे राज्य के आदिवासियों को मिल रहे 32 प्रतिशत आरक्षण घटकर 20 प्रतिशत हो गया… इससे राज्य के आदिवासी समाज नाराज हो गए…लिहाजा इस मामले में भूपेश सरकार की तरफ से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आदिवासी आरक्षण 32 प्रतिशत करने का विधेयक पारित कर दिया और विधेयक राज्यपाल को भेज दिया गया…

छत्तीसगढ़ की विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस के 71 विधायक हैं… यह छत्तीसगढ़ में किसी राजनीतिक दल का अब तक का सबसे प्रचंड बहुमत है…लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई बार कह चुके हैं कि इस बार चुनाव में उनकी प्रतिस्पर्धा इस 71 से ही है…कांग्रेस इस बार 80 पार के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी …कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 71 से अधिक विधायकों के साथ सत्ता में वापसी करेगी…ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस का दावा कितना सही साबित होता है…या छत्तीसगढ़ में बीजेपी सत्ता वापस पाने में सफल होती है |

1 thought on “क्या छत्तीसगढ़ में किसान बन रहा वोट बैंक, क्या आरक्षण हो सकता है गेम चेंजर मुद्दा | DEBATE |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *