स्कूल निर्माण में बदहाली की सीलन, 24 लाख की राशि से हुआ निर्माण | JAN MUDDA |

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ऐसे कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया!

स्कूल निर्माण,बदहाली की सीलन!

स्कूल निर्माण में भ्रष्टाचार

24 लाख की राशि से हुआ निर्माण

निर्माण कार्य में घटिया सामग्री यूज

बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़

शासन के दावों की खुली पोल

ठेकेदार की लापरवाही आई सामने

कवर्धा के बीरेंद्र नगर का मामला

आजकल के इस आधुनिक और विकसित दौर में शिक्षा प्रणाली का बेहतर होना उतना ही जरूरी है जितना जीवन में खाने का महत्व है… क्योंकि बेहतर शिक्षा प्रणाली ही बच्चों के बेहतर भविष्य का रास्ता बनती है… ऐसे में अपने बच्चों के लिए सही स्कूल का चुनाव करना किसी कड़ी चुनौती से कम नहीं है.तो वही दुसरी तरफ बच्चों की अच्छी शिक्षा और उज्जवल भविष्य के लिए शासन की ओर से न्यू शासकीय स्कूल भवन के लिए लाखों की स्वीकृति की जाती है

जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकें..लेकिन यहां ठेकेदारों ने चंद पैसों के लालच में आकर निर्माण कार्य पूरे होने से पहले ही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर दिया…आई जानते है इस जन मुद्दे में क्या है पूरा मुद्दा ।

छग के कवर्धा के 30 किलोमीटर दूर पूर्व विधानसभा क्षेत्र बीरेंद्र नगर में बच्चों की अच्छी शिक्षा और उज्जवल भविष्य के लिए शासन की ओर से न्यू शासकीय स्कूल भवन के लिए लाखों की स्वीकृति की जाती है…लेकिन भवन बनाने वाले ठेकेदारों ने चंद पैसों के लालच में आकर निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर जाते हैं…..जिस स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहां जाता है उसी स्कूल को घटिया मटेरियल कमजोर सामग्री का उपयोग कर निर्माण कार्य को अंजाम दिया जाता है… जिसका खामियाजा आने वाले दिनों में छोटे-छोटे नन्हे बच्चों को चुकाना पड़ता है….बता दें कि कड़ी मेहनत और लंबे इंतजार के बाद बीरेंद्र नगर को समग्र शिक्षा विभाग से लाखों की शासकीय प्राथमिक शाला अतिरिक्त भवन की स्वीकृति मिली थी… जिसका निर्माण कार्य शुरू भी हो चुका है….लेकिन ठेकेदार की घोर लापरवाही के चलते कार्य पूर्ण होने से पहले छत में सीपेज आने लग गया है…पहली ही बरसात का पानी छत के नीचे टपक रहा है… जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि किस प्रकार ठेकेदारों ने चंद पैसा बचाने के चक्कर में घटिया मटेरियल का उपयोग किया होगा… हैरानी की बात तब होती है जब इतनी बड़ी बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाती है… और संबंधित विभाग झांकने तक नहीं आता साथ ही आंख बंद करके पैसा पास कर देते हैं….ग्रामीणों का तो यह भी आरोप है कि ठेकेदार ने संबंधित अधिकारियों के मिलीभगत में  कार्य को अंजाम दिया जा रहा है….वही भवन की उचित जांच के लिए संबंधित ठेकेदार के ऊपर कार्रवाई की भी मांग की है |