नूपुर शर्मा का बयान, लाया ‘तुफान’!
बीजेपी का किनारा, देश में गरमाई सियासत!
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी और धर्म विशेष के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाने के मामले में रविवार को बीजेपी ने अचानक पार्टी के दो नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की… जिसे लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरा… स्वामी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने छोटे से देश कतर के आगे साष्टांग दंडवत कर दिया… आखिर बीजेपी ने अपने दोनो नेताओ पर क्यों की कार्रवाई…क्या सचमुच विदेशों में भारत कि अल्पसंख्यक विरोधी छवि बना रही थी… क्या फिर खाड़ी देशों के भारतीय सामानों के बहिष्कार के कारण भारत सरकार दबाव में आ गई… जानने की कोशिश करेंगे…और यह भी जानने का प्रयास करेंगे की आखिर क्या कारण है कि सुब्रमण्यम स्वामी अपनी ही पार्टी के इस नीति के खिलाफ बोल पड़े…तो आइए शुरू करते है… ये कार्रवाई क्या कहलाता है…
दो सप्ताह पहले बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी शो में पैगम्बर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी के दी…बीजेपी को नागवार गुजर लगने लगी… आनन फानन में बीजेपी ने अपने दो नेताओ नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर करवाई के दी… अब इस कार्रवाई को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार के विदेश नीति पर सवाल उठाया है… सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि यह हमारे विदेश नीति का पतन है…
सुब्रमण्यम स्वामी, बीजेपी नेता
मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत माता को शर्म से सिर झुकाना पड़ा। हम लद्दाख में चीनियों के सामने रेंगते नजर आए, रूसियों के सामने घुटने टेके और क्वाड में अमेरिकियों के सामने गिड़गिड़ाए। अब हमने छोटे से देश कतर के सामने साष्टांग दंडवत किया। यह हमारी विदेश नीति का पतन है।
उसमे ऐसे में सवाल उठता है… की क्या सचमुच भारत की विदेश नीति कमजोर पड़ रही है… या फिर कोई और बात है… दर असल जब भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी शो में पैगंबर मोहम्मद के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की तो इसका असर सीमा पर खाड़ी और अरब देशों में देखा गया… ओमान के मुख्य मुफ्ती अहमद अल खलीली ने मुस्लिम देशों के साथ पूरी दुनिया के मुसलमानों से इसका प्रतिकार करने के लिए उठ खड़ा होने की अपील की… खाड़ी देशों में इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की अपील की गई… इसी बीच गेहूं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मची मारा मारी के बीच जब तुर्की के बाद मिस्र ने भारतीय गेहूं को दूसरा कारण गिनाते हुए स्वीकार करने से मना कर लिया तब सरकार हरकत में आई… और इसे है इस कार्रवाई का मुख्य कारण माना जा रहा है… तो स्वल यह उठता है कि क्या इस कार्रवाई के पीछे अर्थ तंत्र काम कर रहा है? आपको बता दें इसके कारण भारत के लिए व्यापार, निवेश, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर पैदा हो रहे हैं… वहीं खाड़ी देशों में भारतीय टेक्नोलॉजी, निर्माण, होटल और फाइनेंस से जुड़ी कंपनियां एक्टिव हैं.. इसके अलावा भारत का खाड़ी देशों से अच्छा व्यापारिक संबंध है…